महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत वहीदा परिज्म खान: नारी एक ऐसा शब्द जिसे कभी समाज छोटा और कमजोर समझता था। एक ऐसा वर्ग जिसे वर्षों से दूसरे वर्ग द्वारा दबाया जाता रहा है। लेकिन समय के साथ- साथ अपनी क्षमताओं और हौसलों से महिला वर्ग ने यह साबित कर दिखाया है कि महिलाएं भी पुरुषों से कम नहीं ।
जी हां, आज के इस दौर में महिलाओं का ही बोलबाला है चाहे बात हो डॉक्टर, इंजीनियर की या फिर चाँद पर पहूंचने वाली कल्पना चावला की। महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषोंं के साथ कंधे से कंधा मिला कर चलती हैं।
महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत वहीदा परिज्म खान
महिलाओं के संदर्भ में राष्ट्र निर्माता स्वामी विवेकानंद के कहा था – किसी भी राष्ट्र की प्रगति का सर्वोत्तम थर्मामीटर है वहां की महिलाओं की स्थिति हमें नारियों को ऐसी स्थिति में पहंचा देना चाहिए, जंहा वो अपनी समस्याओं को अपने ढंग से स्वयं सुलझा सकें। हमें नारी शक्ति के उद्धारक नहीं बल्कि उनके सेवक और सहायक बनना चाहिए।
आज की महिलाओं में एक नया जुनून है आंखों में बड़े-बडे सपने हैं कुछ कर दिखाने के। उदाहरणत: भारतीय नौसेना की बात करें तो वहीदा परिज्म खान ऐसी महिला हैं जो कि एक पहली कश्मीरी महिला नेवी अफसर हैं वहीदा जम्मू कश्मीर के राजोरी जिला के थाना मंडी की रहने वाली हैं। परिवार का पूरा साथ होने साथ-साथ दिल में जज्बा लिए वहीदा आगे बढ़ती रही और मैडिकल की पढ़ाई पूरी कर भारतीय नौसेना में शामिल हो गई। वहीदा ने यह साबित कर दिखाया कि एक महिला होने के बावजूद उसने अपने सपनों पूरा किया। एक ऐसा सपनाप जो वह हमेशा से संझोए हुए थी।
वहीदा एक मिडिल क्लास फैमिली से हैं लेकिन अपने पक्के इरादों ओर अपने गुणों के कारण आज वो एक जल सेना में उंच पद पर तैनात हैं महिलाओं को मौका मिले तो वह भारतीय सरकार ने भी महिलाओं को बढावा देने के लिए लड़की पढ़ाओ योजना शुरू की है। अगर नारी पढ़ी लिखी और सक्षम होगी तो देश का भविष्य भी उज्जवल होगा।
जब नारी में है शक्ति सारी
फिर क्यों हो नारी बेचारी
वहीदा ने एक और कामयाबी हासिल की, उनकी सफलता की यह कहानी बच्चों को प्रेरित करने के लिए कक्षा छठीं की पुस्तक में शामिल की गई।