स्वामी दयानंद सरस्वती के अनमोल विचार

स्वामी दयानंद सरस्वती के अनमोल विचार

स्वामी दयानंद सरस्वती के अनमोल विचार: आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती एक महान देशभक्त, समाज-सुधारक व चिन्तक थे। उन्होंने हिन्दू धर्म में व्याप्त कुरीतियों व बुराइयों का खुल कर विरोध किया और महिलाओं को उनका उचित अधिकार दिलाने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी। साथ ही देश की आज़ादी के लिए भी उन्होंने उल्लेखनीय योगदान दिया। आइये आज हम उनके अनमोल विचारों को जानते हैं।

स्वामी दयानंद सरस्वती के अनमोल विचार

स्वामी दयानंद सरस्वती के अनमोल विचार

  • What is crucial in dealing with loss is not to lose the lesson. That makes you a winner in the most profound sense.
    नुक्सान से निपटने में सबसे ज़रूरी चीज है उससे मिलने वाले सबक को ना भूलना। वो आपको सही मायने में विजेता बनाता है।
  • The greatest musical instrument given to a human being is the voice.
    इंसान को दिया गया सबसे बड़ा संगीत यंत्र आवाज है। ~ स्वामी दयानंद सरस्वती के अनमोल विचार
  • People say that they understand what I say and I am simple. I am not simple, I am clear.
    लोग कहते हैं कि वे समझते हैं कि मैं क्या कहता हूं और मैं सरल हूं। मैं सरल नहीं हूँ, मैं स्पष्ट हूं।
  • Give the world the best you have and best will come back to you.
    दुनिया को अपना सर्वश्रेष्ठ दीजिये और आपके पास सर्वश्रेष्ठ लौटकर आएगा।
  • A value is valuable when the value of value is valuable to oneself.
    कोई मूल्य तब मूल्यवान है जब मूल्य का मूल्य स्वयम के लिए मूल्यवान हो।
  • The highest form of service is to help a person who is incapable of thanking in return.
    सबसे उच्च कोटि की सेवा ऐसे व्यक्ति की मदद करना है जो बदले में आपको धन्यवाद कहने में असमर्थ हो।
  • You want to change others so that you can be free. But, it never works that way. Accept others and you are free.
    आप दूसरों को बदलना चाहते हैं ताकि आप आज़ाद रह सकें। लेकिन, ये कभी ऐसे काम नहीं करता। दूसरों को स्वीकार करिए और आप मुक्त हैं।
  • A person who consumes the least and contributes most is a mature person, for in giving lies the self-growth.
    जो व्यक्ति सबसे कम ग्रहण करता है और सबसे अधिक योगदान देता है वह परिपक्कव है, क्योंकि जीने मेंही आत्म-विकास निहित है।
  • Lyric helps invoke the core person. And, without lyric, it is difficult to touch the core.
    गीत व्यक्ति के मर्म का आह्वान करने में मदद करता है। और बिना गीत के, मर्म को छूना मुश्किल है।
  • Enlighten – It cannot be an event. All that is here is non-duality. How will it happen? It is clarity.
    प्रबुद्ध होना – ये कोई घटना नहीं हो सकती। जो कुछ भी यहाँ है वह अद्वैत है। ये कैसे हो सकता है? यह स्पष्टता है।
  • We need to know luck is also earned and not imposed! There is no un-earned grace.
    हमें पता होना चाहिए कि भाग्य भी कमाया जाता है और थोपा नहीं जाता। ऐसी कोई कृपा नहीं है जो कमाई ना गयी हो।
  • You cannot stand tall emotionally when you are always at the receiving end.
    अगर आप पर हमेशा ऊँगली उठाई जाती रहे तो आप भावनात्मक रूप से अधिक समय तक खड़े नहीं हो सकते।
  • I love to follow truth; nay, I have made it my duty to persuade others to act on truth and abjure falsehood for the sake of their own good. So, the eradication of iniquities is the object of my life.
    मुझे सत्य का पालन करना पसंद है; बल्कि, मैंने औरों को उनके अपने भले के लिए सत्य से प्रेम करने और मिथ्या को त्यागने के लिए राजी करने को अपना कर्त्तव्य बना लिया है। अतः अधर्म का अंत मेरे जीवन का उदेश्य है।
  • No human heart is denied empathy. No religion can demolish that by indoctrination. No culture, no nation and nationalism – nothing can touch it because it is empathy.
    कोई भी मानव हृदय सहानुभूति से वंचित नहीं है। कोई धर्म उसे सिखा-पढ़ा कर नष्ट नहीं कर सकता। कोई संस्कृति, कोई राष्ट्र कोई राष्ट्रवाद – कोई भी उसे छू नहीं सकता क्योंकि ये सहानुभूति है।
  • The fitness of the pupil is shown in his love for the acquisition of knowledge, his willingness to receive instruction, his reverence for learned and virtuous men, his attendance upon the teacher, and his execution of orders.
    छात्र की योग्यता ज्ञान अर्जित करने के प्रति उसके प्रेम, निर्देश पाने की उसकी इच्छा, ज्ञानी और अच्छे व्यक्तियों के प्रति सम्मान, गुरु की सेवा और उनके आदेशों का पालन करने में दिखती है।
  • Because a human being is endowed with empathy, he violates the if he does not reach out to those who need care.
    क्योंकि मनुष्यों के भीतर संवेदना है, इसलिए अगर वो उन तक नहीं पहुँचता जिन्हें देखभाल की ज़रुरत है तो वो प्राकृतिक व्यवस्था का उल्लंघन करता है।
  • Though music transcends language, culture and time, and though notes are the same, Indian music is unique because it is evolved, sophisticated and melodies are defined.
    हालांकि संगीत भाषा, संस्कृति और समय से परे है, और नोट समान होते हुए भी भारतीय संगीत अद्वितीय है क्योंकि यह विकसित है, परिष्कृत है और इसमें धुन को परिभाषित किया गया है।
  • Prayer in any form is efficacious because it is an action. It will, therefore, have a result. That is the law of this universe in which we find ourselves.
    किसी भी रूप में प्रार्थना प्रभावी है क्योंकि यह एक क्रिया है। इसलिए, इसका परिणाम होगा। यह इस ब्रह्मांड का नियम है जिसमें हम खुद को पाते हैं।
  • People should never worship images. The spread of mental darkness is due to the prevalence of idolatry.
    लोगों को कभी भी चित्रों की पूजा नहीं करनी चाहिए। मानसिक अन्धकार का फैलाव मूर्ति पूजा के प्रचलन की वजह से है।
  • God is absolutely holy and wise. His nature, attributes, and power are all holy. He is omnipresent, incorporeal, unborn, immense, omniscient, omnipotent, merciful and just. He is the maker, protector and destroyer of worlds.
    ईश्वर पूर्ण रूप से पवित्र और बुद्धिमान है। उसकी प्रकृति, गुण, और शक्तियां सभी पवित्र हैं। वह सर्वव्यापी, निराकार, अजन्मा, अपार, सर्वज्ञ, सर्वशक्तिशाली, दयालु और न्याययुक्त है। वह दुनिया का रचनाकार, रक्षक और संघारक है।
  • He is good and wise who always speaks the truth, acts on the dictates of virtue, and tries to make others good and happy.
    वह अच्छा और बुद्धिमान है जो हमेशा सच बोलता है, धर्म के अनुसार काम करता है और दूसरों को उत्तम और प्रसन्न बनाने का प्रयास करता है।
  • In life, loss is inevitable. Everyone knows this, yet in the core of most people it remains deeply denied – ‘This should not happen to me’. It is for this reason that loss is the most difficult challenge one has to face as a human being.
    जीवन में मृत्यु को टाला नहीं जा सकता। हर कोई ये जानता है, फिर भी अधिकतर लोग अन्दर से इसे नहीं मानते- ‘ये मेरे साथ नहीं होगा’। इसी कारण से मृत्यु सबसे कठिन चुनौती है जिसका मनुष्य को सामना करना पड़ता है।
  • The works of present life are more important than the whole and entire reliance on wholesale blind fate.
    वर्तमान जीवन का कार्य अन्धविश्वास पर पूर्ण भरोसे से अधिक महत्त्वपूर्ण है।
  • People should try to know God and imitate him in their works. Repetitions and ceremonials are of no use.
    लोगों को भगवान् को जानना और उनके कार्यों की नक़ल करनी चाहिए। पुनरावृत्ति और औपचारिकताएं किसी काम की नहीं हैं।
  • It is not wrong to be an ignorant; it is an error to continue to be an ignorant.
    अज्ञानी होना गलत नहीं है, अज्ञानी बने रहना गलत है।
  • It is proper to take photographs or other kinds of pictures of persons to put them before us for sight or remembrance. But it is improper to make pictures and images of God.
    अपने सामने रखने या याद करने के लिए लोगों की तसवीरें या अन्य तरह की पिक्चर लेना ठीक है। लेकिन भगवान् की तसवीरें और छवियाँ बनाना गलत है।
  • Salvation is the state of emancipation from the endurance of pain and subjection to birth and death and of the life of liberty and happiness in the immensity of God.
    मोक्ष पीड़ा सहने और जन्म-मृत्यु की अधीनता से मुक्ति है और यह भगवान की अपारता में स्वतंत्रता और प्रसन्नता का जीवन है।
  • Wealth is a thing, earned with honesty and justice. Its opposite is the Mammon of unrighteousness.
    धन एक वस्तु है जो ईमानदारी और न्याय से कमाई जाती है। इसका विपरीत है अधर्म का खजाना।
  • Innocent pleasures are got by virtue and well-earned wealth.
    निरीह सुख सद गुणों और सही ढंग से अर्जित धन से मिलता है।
  • The tongue should express what is in the heart.
    जीह्वा को उसे व्यक्त करना चाहिए जो ह्रदय में है।
  • Beneficence removes evils, introduces the practice of virtue, and adds to general welfare and civilization.
    उपकार बुराई का अंत करता है, सदाचार की प्रथा का आरम्भ करता है, और लोक-कल्याण तथा सभ्यता में योगदान देता है।
  • God has neither form nor color. He is incorporeal and immense. Whatever is seen in the world describes his greatness.
    भगवान का ना कोई रूप है ना रंग है। वह अविनाशी और अपार है। जो भी इस दुनिया में दिखता है वह उसकी महानता का वर्णन करता है।
  • The soul is one in its nature, but its entities are many.
    आत्मा अपने स्वरुप में एक है, लेकिन उसके अस्तित्व अनेक हैं।

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