माधव बेड़िया सरकार हनुमान मंदिर: हिंदू धर्म में 33 कोटि देवी-देवता हैं। इन सभी देवी-देवताओं के देश में कई मंदिर स्थापित है। मगर हर मंदिर की मान्यता अलग-अलग होने के कारण इनकी पूजा के विधान भी एक-दूसरे से विभिन्न हैं। आज हम आपको बजरंगबली के एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें हनुमान जी की पूजा का तरीका बाकी के मंदिरों से काफी अलग है। तो आइए देर न करते हुए जानें इस अनोखे मंदिर के बारे में जहां हनुमान जी का एक बहुक मनमोहक सा स्वरूप स्थापित है।
Name: | माधव बेड़िया सरकार हनुमान मंदिर (Madhav Bediya Sarkar Hanuman Mandir) |
Location: | Jhansi, Uttar Pradesh 284004 India |
Deity: | Lord Hanuman |
Affiliation: | Hinduism |
Festivals: | Hanuman Jayanti, Rama Navami, Diwali |
Completed In: | NA |
माधव बेड़िया सरकार हनुमान मंदिर, झाँसी:
वैसे तो भारत में हनुमान जी के देशभर में कई प्रसिद्ध मंदिर स्थापित हैं। परंतु इस मंदिर की बात सबसे निराली है। अपनी विशेषता के चलते ये न पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। हम बात कर रहे हैं झांसी (उत्तर प्रदेश) में स्थापित हनुमान मंदिर की। वैसे तो बजरंगबली के हर मंदिर में उनकी बड़ी-बड़ी आंखों वाली मूर्ति स्थापित होती हैं लेकिन इस मंदिर की मूर्ति की बात कुछ अलग है। अब आप सोचेंगे कि आखिर इस मूर्ति में ऐसा क्या है। तो आपको बता दें कि बाकी के मंदिरों की तरह इस मूर्ति में बजरंगबली के हाथों में गदा नहीं बल्कि उनके हाथ उनकी कमर पर है। जी हां, यहां हनुमान जी के नृत्य करती प्रतिमा स्थापित है। कुछ मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी की नाचती हुई प्रतिमा को वस्त्र नहीं पहनाए जाते, परंतु इस मंदिर में हनुमान जी को वस्त्र पहनाए गए हैं।
जब हनुमान जी करने लगे नृत्य:
मंदिर से जुड़ी एक प्रचलित कहानी है जिस के अनुसार जब भगवान श्रीराम रावण को मारकर माता सीता को अयोध्या वापस ले आए। लेकिन श्री राम के राज्याभिषेक होने के बारे में जानकर हनुमान जी से रहा नहीं गया और वो अपनी खुशी ज़ाहिर करते हुए दरबार में सभी के सामने नृत्य करने लगे। बता दें कि इस मंदिर को लोग हनुमान मंदिर के नाम से नहीं बल्कि माधव बेड़िया सरकार के नाम से जानते हैं।
हनुमान जी की रक्षा के लिए रखे हैं दो दरबान:
परिसर के पुजारियों के अनुसार ये मंदिर सैकड़ों साल पुराना है। इस बात का कोई लिखित प्रमाण तो नहीं है। यहां बजरंगबली की रक्षा के लिए दरबार के सामने हमेशा दो दरबानों को नियुक्त किया गया है। मंदिर में स्थापित हनुमान जी की मूर्ति लगभग 5 फीट की है। जिसे देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि हनुमान जी मुस्कुराते हुए नाच रहे हैं। बता दें यहां पर बजरंगबली को केवल मेवा का भोग लगाया जाता है। कहा जाता है कि हनुमान जी इसके अलावा कोई और प्रसाद स्वीकार नहीं करते।