बेलूर मठ भारत के पश्चिम बंगाल में हुगली नदी के पश्चिमी तट पर बेलूड़ में स्थित है। यह रामकृष्ण मिशन और रामकृष्ण मठ का मुख्यालय है। इस मठ के भवनों की वास्तु में हिन्दू, इसाई तथा इस्लामी तत्वों का सम्मिश्रण है जो धर्मो की एकता का प्रतीक है। इसकी स्थापना 1887 में स्वामी विवेकानन्द ने की थी।
कोलकाता का ‘बेलूर मठ’ – सभी धर्मों के अनुयायियों के आकर्षण का केंद्र
Name: | बेलूर मठ (Belur Math) |
Location: | Ramakrishna Math & Ramakrishna Mission – PO Belur Math, District: Howrah, West Bengal 711202 India |
Deity: | – |
Affiliation: | Hinduism |
Architecture: | Fusion of Hindu, Christian and Islamic motifs |
Creator: | Ramakrishna Mission |
Festivals: | Celebration of Sri Ramakrishna, Swami Vivekananda and Sarada Devi’s birthdays, Durga Puja, Janmashtami, Christmas, Kali Puja, Shiva Ratri and other festivals |
Completed In: | 1938 |
बेलूर मठ केवल एक दर्शनीय स्थल ही नहीं, बल्कि सेवा, साधना, शिक्षा और आध्यात्मिक शांति का इकलौता अनुपम व अद्भुत स्थल है।
पश्चिम बंगाल के हावड़ा स्टेशन से पूर्व की तरफ करीबन साढ़े 14 किलोमीटर की दूरी पर गंगानदी के पश्चिम पर स्थित इस मठ स्थापना 1897 में स्वामी विवेकानंद ने की थी।
लगभग 40 एकड़ भूमि पर बना यह मठ अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोगों लिए एक महान तीर्थ है, जिन लोगों की किसी भी धर्म में कोई रुचि नहीं है वे भी आध्यात्मिक शांति के लिए इस मठ में पहुंचते हैं, जहां स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन के अंतिम दिन गुजारे थे।
कहते हैं कि श्री रामकृष्ण परमहंस की महासमाधि के बादस्वामी विवेकानंद ने संन्यासी के तौर पर पूरे देश की यात्राएं कीं। वह 1893 में अमेरिका गए और वहां 11 से 27 सितम्बर तक शिकागों धर्म महासभा में अपना भाषण दिया। और इंगलैंड में साढ़े 3 साल तक भारत के प्राचीन आधात्मिक ज्ञान का प्रचार-प्रसार करने के बाद वह 1897 में भारत लौटे और लौटते ही उन्होंने बेलूर मठ की स्थापना की, जो अब रामकृष्ण मिशन और रामकृष्ण मठ का मुख्यालय है।
बेलूर मठ परिसर में श्री रामकृष्ण, मां शारदा देवी और विवेकानंद के मंदिर हैं, जहां इन महान विभूतियों की अस्थियां रखी गई हैं। जिस कक्ष में स्वामी विवेकानंद ने महासमाधि ली थी वह कमरा आज यहां आने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
मठ का मुख्य मंदिर अपनी सुंदर वास्तुकला के लिए उल्लेखनीय है जो हिन्दू, ईसाई और इस्लामी आदर्शों को सभी धर्मों की एकता के प्रतीक के रूप में जोड़ता है। यहां दर्शनीय स्थलों में विवेकानंद कक्ष, रामकृष्ण संग्रहालय, नीलाम्बर मुखर्जी गार्डन हाऊस व समाधि पीठ शामिल हैं।
बेलूर मठ एक दर्शनीय स्थल तो है ही, साथ ही इसी परिसर में एक विश्वविद्यालय, एक डिग्री कॉलेज, एक पॉलीटैक्निक और कई अन्य एजुकेशनल इंस्टीच्यूट संचालित होते हैं।
बेलूर मठ से जुड़े एक संन्यासी के अनुसार रामकृष्ण मठ कौ शुरुआत श्री रामकृष्ण के संन्यासी शिष्यों ने 1886 में वराहनगर (कोलकाता) के एक पुराने घर से की थी। 1891 में मठ को आलमबाजार के एक दूसरे मकान में स्थानांतरित किया गया। वह बताते हैं कि रामकृष्ण मिशन रामकृष्ण मठ के ही एक विशेष सेवा विभागके तौर पर शुरू हुआ था। रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन, जिसका मुख्यालय मौजूदा वक्त में बेलूर मठ है, का मुख्य उद्देश्य है- “आत्मनो मोक्षार्थ जगद्धिताय च’ यानी अपनी मुक्ति और दुनिया के कल्याण के लिए साधन।
भारत और पूरी दुनिया में इस समय मठ और मिशन की कुल 94 शाखाएं हैं । रोगियों के इलाज के लिए मठ और मिशन के कुल 4 अस्पताल, 6 क्लिनिक और 57 मोबाइल क्लिनिक सेवारत हैं।