राम मंदिर: महत्त्वपूर्ण तथ्य, निर्माण संबंधी पहलू और अन्य विशेषताएँ: राम मंदिर, जिसे लोकप्रिय रूप में राम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, अयोध्या, उत्तर प्रदेश में स्थित एक हिंदू मंदिर है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह मंदिर भगवान श्री राम को समर्पित है और ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण राम जन्मभूमि (भगवान श्री राम की जन्मस्थली) पर किया गया है। यह राम मंदिर भगवान राम से जुड़ी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को दर्शाता है और हिंदुओं के लिए अत्यधिक सांस्कृतिक और धार्मिक महत्त्व को प्रदर्शित करता है।
- राम मंदिर के विषय में महत्त्वपूर्ण तथ्य
- प्रयुक्त निर्माण सामग्री
- राम मंदिर की नींव का डिजाइन
- भवन विवरण
- श्री राम मंदिर की अन्य विशेषताएँ
राम मंदिर: महत्त्वपूर्ण तथ्य
- मुख्य वास्तुकार: चंद्रकांत बी. सोमपुरा (CBS)
- निर्माण कंपनी: लार्सन एंड टुब्रो (L&T)
- परियोजना प्रबंधन कंपनी: टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड (TCEL)
- डिज़ाइन सलाहकार: IIT चेन्नई, IIT बॉम्बे, IIT गुवाहाटी, CBRI रुड़की, SVNIT सूरत, NGRI हैदराबाद
- मूर्तिकार: अरुण योगीराज (मैसूर), गणेश भट्ट और सत्यनारायण पांडे
- कुल क्षेत्रफल: 70 एकड़ (70% हरित क्षेत्र)
- मंदिर क्षेत्रफल: 2.77 एकड़
- मंदिर के आयाम:
- लंबाई: 380 फीट
- चौड़ाई: 250 फीट
- ऊँचाई: 161 फीट
- निर्माण शैली: भारतीय नागर शैली
- विशेषताएँ:
- दो सीवेज शोधन संयंत्र
- एक जल शोधन संयंत्र
- समर्पित विद्युत आपूर्ति
प्रयुक्त निर्माण सामग्री
राम मंदिर के निर्माण में उपयोग की जाने वाली प्रमुख सामग्रियाँ हैं:
- स्टील के बिना उच्च ग्रेड “रोल्ड कॉम्पैक्टेड कंक्रीट” (Rolled Compacted Concrete)
- गुलाबी बलुआ पत्थर (Pink Sand Stone)
- ग्रेनाइट पत्थर (Granite Stone)
- शालिग्राम शिला (Shaligram Rock)
- तांबे की प्लेटें (Copper Plates)
- सोना और अष्टधातु (Gold and Ashtdhatu)
- सागौन की लकड़ी (Teakwood)
राम मंदिर की नींव का डिजाइन
- 14 मीटर मोटे रोल्ड कॉम्पैक्ट कंक्रीट (Rolled Compact Concrete) को परतदार बनाकर कृत्रिम पत्थर का आकार दिया गया है।
- फ्लाई ऐश/धूल और रसायनों से बने कॉम्पैक्ट कंक्रीट (Compact Concrete) की 56 परतों का उपयोग किया गया है।
- नमी से बचाव के लिए राम मंदिर के आधार पर 21 फुट मोटा ग्रेनाइट का चबूतरा (Plinth) बनाया गया है।
- मंदिर की नींव के डिजाइन में कर्नाटक और तेलंगाना के ग्रेनाइट पत्थर और बांस पहाड़पुर (भरतपुर, राजस्थान) के गुलाबी बलुआ पत्थर (Pink Sand Stone) का उपयोग किया गया है।
भवन विवरण – राम मंदिर: महत्त्वपूर्ण तथ्य
- यह तीन मंजिला मंदिर भूकंपरोधी संरचना है।
- इसमें 392 स्तंभ और 44 दरवाजे हैं।
- इसके दरवाजे सागौन की लकड़ी (Teakwood) से बने हैं और उन पर सोने की परत चढ़ायी गई है।
- मंदिर की संरचना की अनुमानित आयु 2500 वर्ष है।
- मूर्तियाँ 6 करोड़ वर्ष पुरानी शालिग्राम शिलाओं से बनी हैं, जो गंडकी नदी (नेपाल) से लाई गई हैं।
- घंटा अष्टधातु (सोना, चांदी, तांबा, जस्ता, सीसा, टिन, लोहा और पारा) से बनाया गया है।
- घंटे का वजन 2100 किलोग्राम है।
- घंटी की आवाज 15 किलोमीटर दूर तक सुनी जा सकती है।
श्री राम मंदिर की अन्य विशेषताएँ
- मंदिर के मुख्य गर्भगृह में श्री राम लला (भगवान श्री राम का शिशु रूप) की मूर्ति है।
- प्रथम तल पर श्री राम दरबार है।
- मंदिर में 5 मंडप हैं: नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप, कीर्तन मंडप।
- परिधि (परिकोटा) के चारों कोनों पर सूर्यदेव, माँ भगवती, भगवान गणेश और भगवान शिव को समर्पित चार मंदिरों का निर्माण किया जाएगा।
- उत्तरी दिशा में देवी अन्नपूर्णा का मंदिर होगा और दक्षिणी दिशा में भगवान हनुमान का मंदिर होगा।
- मंदिर परिसर के भीतर, अन्य मंदिर महर्षि वाल्मिकी, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, राजा निशाद, माता शबरी और देवी अहिल्या को समर्पित होंगे।
- मंदिर परिसर में सीता कुंड नामक एक पवित्र कुंड भी होगा।
- दक्षिण-पश्चिम दिशा में नवरत्न कुबेर पहाड़ी पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया जाएगा और जटायु की एक प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
निष्कर्षतः धार्मिक आस्था का प्रतीक होने के साथ-साथ, श्री राम मंदिर एक अद्भुत वास्तुशिल्प कृति है। भारत की आध्यात्मिक विरासत और भगवान राम की अमर प्रसिद्धि के जीवित प्रमाण के रूप में, यह मंदिर अयोध्या को भारत की आध्यात्मिक राजधानी बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।