चिंकी की चॉकलेट

चिंकी की चॉकलेट: कक्षा अध्यापिका ने विद्यार्थी की बुरी आदत को कैसे छुड़ाया

चिंकी की चॉकलेट: चिंकी चॉकलेट खाने की कुछ ज्यादा ही शौकीन थी। उसकी यह आदत छुट्टियों के उपरांत तो और भी बिगड़ गई थी क्योंकि पहले तो मम्मी उसे दुकान से चॉकलेट लाकर खाने से रोकती थीं, मगर अब वह स्कूल जाते समय रास्ते में ही छोटी-छोटी चॉकलेट ले लेती और बस्ते में रख लेती थी। फिर स्कूल समय में अध्यापिका जी से आंख बचा कर खाती रहती।

उसकी सहेलियां उसे अक्सर समझातीं कि इतनी चॉकलेट खाना ठीक नहीं। इस पर चिंकी मुस्कुरा कर कहती, “अरे चार दिन की जिंदगी है, ऐश करो।”

चिंकी की चॉकलेट

एक दिन कक्षा में अध्यापिका इंदिरा जी ने चिंकी को पास बुलाया और कोई सवाल पूछा। जैसे ही चिंकी ने बोलने के लिए अपना मुंह खोला, अध्यापिका जी ने अपने मुंह पर हाथ रख लिया। उन्हें चिंकी के मुंह से बदबू आई।

फिर उन्होंने ध्यान से देखा कि चिंकी के दांतों पर चॉकलेट का कुछ हिस्सा अभी भी चिपका हुआ था।

“चिकी, क्‍या तुम सुबह दांत साफ नहीं करती… ? और यह क्या, तुमने चॉकलेट से अपने दांत कितने खराब कर लिए?”

“मैडम, यह दिन में भोजन कम और चॉकलेट ज्यादा खाती है…” तभी चिकी से थोड़ी देर पहले किसी बात पर नाराज हुए बिल्लू ने अध्यापिका जी से चिंकी को शिकायत व्यंग्य में करते हुए कहा।

“न चिंकी बेटा, यह गलत बात है। मैं तो समझती थी कि मेरी कक्षा में तुमसे सुंदर कोई लड़की नहीं। मगर यह क्या, दांतों की सफाई के मामले में तो तुम सबसे पीछे हो। देखो तुम्हारे दांत कितने खराब को चुके हैं। जैसे महीनों से दातुन-ब्रश नहीं किया।” अध्यापिका जी ने चिंकी की ठुड्ढी पकड़ कर उसे प्यार से समझाते हुए कहा।

चिंकी सिर झुकाए खड़ी रही। उस पर अध्यापिका की बातों का कोई असर न था। ये बातें तो उसे उसकी सहेलियां और मम्मी भी समझाती थीं।

तभी अध्यापिका जी ने अपने पर्स से मोबाइल निकाला और सब बच्चों से बोली, “बच्चो, मैं यह बात तुम सबको भी समझाना चाहती हूं कि ज्यादा चॉकलेट, टॉफियां खाने से हमारे दांतों में कौड़ा लग जाता है, क्योंकि चॉकलेट व टॉफियां दांतों में फंसने से बैक्टीरिया बनते हैं। ये बैक्टीरिया एसिड बनाते हैं और दांतों को गला देते हैं।”

अध्यापिका जी आगे बोलीं, “दांतों का संबंध स्वास्थ्य से भी है और सौंदर्य से भी। दांत साफ, सुंदर और मजबूत बने रहें तो चेहरा भी खूबसूरत दिखाई देता है। क्योंकि हम जो कुछ भी खाते हैं, दांतों की बदौलत ही अच्छी तरह चबाने से हमारा हाजमा दुरुस्त रहता है। अब यह देखो एक वीडियो… ।”

अध्यापिका ने यू-ट्यूब पर एक वीडियो दिखाया, जिसमें एक डाक्टर बच्चे का वह दांत निकाल रहा था, जिस पर ज्यादा टॉफियां, चॉकलेट के सेवन से कीड़ा लग चुका था। बच्चा दर्द से कराह रहा था।

सभी बच्चे और चिंकौ यह सब देख कर थोड़ा डर गए। फिर अध्यापिका ने चिंकी को अपनी सीट पर बैठने के लिए कहा और दांतों की सफाई के प्रति कुछ और बातें समझाने लगीं।

इसके कुछ दिनों बाद जब अध्यापिका कक्षा में आई और चिकी को अपनी सहेली से खिलखिला कर हंसते देखा तो उन्होंने कुछ गुस्से से चिंकी को अपने पास बुलाया। सब बच्चे सोच रहे थे कि अब चिंकी की खैर नहीं।

चिंकी अध्यापिका के पास आई तो सहमी हुई थी।

“चिंकी, तुमने मुझे बताया नहीं कि तुमने ढेर से मोती छुपाए हैं… ?”

“मैंने ढेर से मोती छुपाए… जी मैं कुछ समझी नहीं?” चिंकी अब तो और भी घबरा गई थी और साथ ही सभी बच्चे भी।

“लगता है तुमने चॉकलेट खाना छोड़ दिया है और दांतों की भी सफाई रखने लगी हो। अब तो तुम्हारे दांत मोतियों चमक रहे हैं। जब तुम सहेली के साथ हंस रही थी, देखा और झट समझ गई। ये मोती तुमने अपने मुख में छुपा कर ही तो रखे हैं।”

अध्यापिका जी की गहराई से कही बात का मतलब समझते ही चिंकी के साथ ही सभी बच्चे भी खिलखिला कर हंसने लगे। सच में चिंकी ने चॉकलेट खाना छोड़ दिया था और रोजाना दांतों की साफ-सफाई रखने लगी थी।

चिंकी की चॉकलेट” हिंदी कहानी  by ‘हरिन्दर सिंह गोगना

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