Dhanvantari Trayodashi Facebook Cover, Banner and Poster

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दीपोत्सव की शुरुआत धनतेरस (Dhanteras /Dhanvantari Trayodashi) से होती है। छोटी दिवाली से एक दिन पहले धनतेरस के पर्व को मनाया जाता है। सनातन शास्त्रों में धनतेरस (Dhanteras Significance) के पर्व का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) और भगवान कुबेर की उपासना करने से जातक को जीवन में कभी भी पैसों की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। साथ ही धन से सदैव तिजोरी भरी रहती है और मां लक्ष्मी कृपा प्राप्त होती है। आइए इस लेख में हम आपको बताएंगे कि धनतेरस की डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

धनतेरस के दिन सुबह जल्दी और उठें और स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद मंदिर की सफाई करें। सूर्य देव को जल अर्पित करें। चौकी पर मां लक्ष्मी, भगवान धनवंतरी और कुबेर जी की प्रतिमा को विराजमान करें। दीपक जलाकर चंदन का तिलक लगाएं। इसके बाद आरती करें। संग में भगवान गणेश की भी पूजा करें। कुबेर जी के मंत्र ओम ह्रीं कुबेराय नमः का 108 बार जप करें और धनवंतरी स्तोत्र का पाठ करें। इसके पश्चात मिठाई और फल समेत आदि चीजों का भोग लगाएं। श्रद्धा अनुसार दान करें। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से धन लाभ के योग बनते हैं और जातक को आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है।

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