जनवरी 2025 में महाकुम्भ भ्रमण एवं संगम में पुण्य की डुबकी देगी चमत्कारिक लाभ

जनवरी 2025 में महाकुम्भ भ्रमण एवं संगम में पुण्य की डुबकी देगी चमत्कारिक लाभ

नववर्ष का मंगलमय होना केवल बाहरी कारकों पर निर्भर नहीं करता है, बल्कि यह आपके मन की स्थिति पर भी निर्भर करता है, इसलिए अपने मन को यथासंभव सकारात्मक सोच के साथ शुभ संकल्प लेने के लिए प्रशिक्षित करें। नववर्ष को मंगलमय बनाने के लिए पवित्र तीर्थस्थलों की यात्रा अवश्य करें।

जनवरी 2025 में महाकुम्भ भ्रमण: हर व्यक्ति नववर्ष को अपने हिसाब से मंगलमय बनाने का प्रयास करता है, लोग नववर्ष मनाने के लिए विभिन्न टूरिस्ट स्थलों पर जाते हैं, लेकिन आप नववर्ष पर चमत्कारिक लाभ पाने के लिए महाकुभ 2025 में दान, पुण्य, स्नान कर बारह साल के पुण्यों को इस बार एकत्र करें, ताकि घर से रोग, शोक दूर रहे।

जनवरी 2025 में महाकुम्भ भ्रमण

बारह साल बाद तीर्थों के राजा प्रयागराज में गंगा, यमुना, अदृश्य सरस्वती के पावन संगम स्थल पर महाकुम्भ का आयोजन भी जनवरी 2025 से हो रहा है। अतः नववर्ष को मंगलमय बनाने हेतु प्रयागराज में महाकुम्भ भ्रमण एवं संगम में डुबकी लगानी चाहिए। हिन्दु पद्धति में चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा, संवत प्रारम्भ से वर्ष का प्रारम्भ माना जाता है, परन्तु ईसवी सन् 2025 को भी हमें मंगलमय बनाने के लिए यथासम्भव शुभ कर्म करना चाहिए।

  • नए साल के सूर्योदय से पूर्व संकल्प करें अपने माता-पिता की सेवा का, अच्छे संस्कारों को अपनाने को, परम्पराओं का पालन कर धर्म के मार्ग पर चलकर देश, दुनिया और समाज की अखण्डता की रक्षा करने का जिससे ‘सर्वेभवन्तु सुखिनः’ की सनातन परम्परा पुनः जागृत हो सके।
  • नए वर्ष की शुरूआत से पहले वास्तुशास्त्र के अनुसार घर से दुःख दारिद्रय रूपी टूटे-फूटे बर्तनों एवं सामानों को निकाल देना चाहिए, पुराने की जगह नया हमेशा लेता है, यह प्रकृति का सिद्धांत है।
  • किसी से ऋण लिया है, तो नए साल से पूर्व उसे चुकाने का भरपूर प्रयास करें, अगर ऋण आसानी से न उतर रहा हो तो ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करें और जन्मकुण्डली के अनुसार मूंगा रत्न धारण करें।
  • असहायों की सेवा कर पुण्यबल विकसित करें। पुण्यबल का संचय जीवन में हर मुसीबतों से बचाता है तथा समृद्धि को आपके पास बुलाता है। पुण्य संचित करने के लिए अगर दान-पुण्य न कर सकें तो नित्य लाल रंग की कलम से 108 बार भगवान राम का नाम लिखें ताकि जरूरत पड़ने पर नए वर्ष में पूर्व अर्जित पुण्य आपकी रक्षा कर सके।
  • नववर्ष में योग, प्राणायाम की आदत डालें, गुरु मंत्र का जाप करें। यदि गुरु न बनाया हो, अथवा गुरु मंत्र न लिया हो तो महाकुम्भ 2025 में प्रयागराज की धरती पर आकर गुरु मंत्र लें, क्योंकि देश-दुनिया के सभी साधु, महात्मा, संत, अध्यात्मिक गुरुओं का संगम नववर्ष में 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक प्रयागराज में होने वाला है।

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