आई परीक्षा – कई बार छात्रों में परीक्षा का डर हद से ज्यादा बढ़ जाता है, जिसके कारण वे ठीक से तैयारी नहीं कर पाते हैं। इसे एग्जाम फोबिया कहते हैं। इसकी वजह से कई बार तो सवाल का जवाब आते हुए भी नहीं लिख पाते हैं। लेकिन इससे आसानी से बचा जा सकता है।
आपका बच्चा भी क्या इन दिनों चिड़चिड़ा हो गया है? उसे बात-बात पर बहुत गुस्सा आता है। यहां तक कि हंसी-खुशी के माहौल में भी वह गुस्सा करता है, तो सावधान होने की जरूरत है। यह गुस्सा और चिड़चिड़ापन परीक्षा के कारण होने वाला तनाव सकता है। परीक्षा में अच्छे नंबर लाने का दबाव इन दिनों छात्रों पर बहुत ज्यादा है। अध्यापकों के साथ-साथ अभिभावक भी चाहते हैं कि बच्चे बेहतर प्रदर्शन कर टॉप करें। इन उम्मीदों के बोझ तले दबे छात्र मानसिक तनाव झेल रहे हैं, जिससे उन्हें एग्जाम फोबिया की शिकायत हो रही है।
आई परीक्षा: गोविन्द भारद्वाज
छोड़ गया सर्दी का मौसम,
आई गर्मी धूम मचाती।
पास आई अपनी परीक्षा,
फागुन के नव गीत सुनाती।
खेलकूद सब छोड़ो प्यारे,
खूब करो सब नित्य पढ़ाई।
पास तुम्हारे मंजिल अपनी,
राहें कठिन न समझो भाई।
याद करो सभी लिखा पहले,
शेष समय का मान बढ़ाओ।
गपशप करना छोड़ो सबसे,
पढ़ने में बस ध्यान लगाओ।
जो करेगा पढ़ाई मन से,
अंक वही अच्छे लाएगा।
जीवन में देखा जिसने जो,
सपना पूर्ण कर पाएगा।
पढ़ना है बस पढ़ना सबको,
आई तिथियां याद दिलातीं।
पास आई अपनी परीक्षा,
फागुन के नव गीत सुनाती।
“आई परीक्षा” poem by “गोविन्द भारद्वाज“, अजमेर
अगर बच्चे ने अपना पसंदीदा काम करना बंद कर दिया है, वह अच्छी नींद नहीं ले रहा है या खाना ठीक से नहीं खा रहा है, तो ये सब एग्जाम फोबिया के लक्षण हो सकते हैं। समस्या बढ़ने पर अधिक पसीना आना, मतली, उल्टी या दस्त, पेट में दर्द, धड़कनों का अचानक तेज होना, सांस लेने में परेशानी, सिर दर्द आदि हो सकता है।
इसके भावनात्मक लक्षणों में परिणाम और परीक्षा की तैयारी को लेकर खुद पर भरोसा न होना, फेल होने का डर, हर समय तनाव और निराशा महसूस होना, हर छोटी-बड़ी बात पर गुस्सा आना, घबराहट, बेचैनी या परेशानी महसूस हो सकती है। इसका सामना करने वालों में पैनिक अटैक भी देखे जाते हैं।
परीक्षा का डर एक आम समस्या है, लेकिन सही रणनीति अपनाकर इसे दूर किया जा सकता है। सबसे पहले एक स्टडी प्लान बनाएं और रिवीजन के लिए समय निकालें। हर एक घंटे बाद कुछ मिनटों के लिए उठें, स्ट्रेच करें। इससे थकान कम होगी और एकाग्रता बनी रहेगी। 8-9 घंटे की नींद जरूर लें।
रोजाना हल्का व्यायाम या योग करने से दिमाग शांत रहेगा और एकाग्रता बढ़ेगी। दूसरों से अपनी तुलना न करें और सकारात्मक रहें। अभिभावक बच्चों को प्रोत्साहित करें और उन्हें यह विश्वास दिलाएं कि वे सफल होंगे। इसके अलावा उन्हें सुबह उठकर टहलने के लिए प्रेरित करें। इससे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी और पढ़ाई में मन लगेगा।
एग्जाम के दौरान शरीर और मतिष्क को अतिरिक्त पोषण की जरूरत होती है, इसलिए फल, दूध, ड्राई फ्रूट्स, ओट्स, बींस, शकरकंद, ताजा जूस, हरी सब्जियां, नारियल पानी, पनीर, दही, छाछ का सेवन करें। साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं। फास्ट फूड से पूरी तरह बचें।