टिक टिक कर तू चलती है।
हर घंटे के बाद तू,
डिंग डिंग करके बजती है।
तुझे देखकर पता है चलता,
कब खाना, कब पढ़ना है।
तुझे देखकर पता है चलता,
कब उठना, कब सोना है।
टिक टिक कर तू चलती है।
हर घंटे के बाद तू,
डिंग डिंग करके बजती है।
तुझे देखकर पता है चलता,
कब खाना, कब पढ़ना है।
तुझे देखकर पता है चलता,
कब उठना, कब सोना है।
National Philosophy Day: This day encourages critical thinking, dialogue, and intellectual curiosity, addressing global challenges …