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वहा जंगल में खलबली मच गई थी। अपने भाई को कोई ले गया है। इस खबर से बाकी के शेर चिंतित हो गए! गाड़ी के टायरो की निशानी की सहायता से वे शहर तक पहुचे। शहर में भगदड़ मच गई जंगल से आये शेरो ने अपनी जान पे खेल कर अपने पकडे गए शेर भाई को आजाद करवाया। और जंगल की और भागे। इस कार्य में कुछ शेर जख्मी भी हुए। पर उनका भाई आजाद था। उनके साथ था उसकी ख़ुशी उन्हें ज्यादा थी! वृद्ध शेर ने कहा “शेर कभी पिंजरे में नहीं रहता। हमारी जाती महान है और हम किसी के गुलाम बनकर नहीं रह सकते।”
सभी शेर सहमती में गुराए…
इस बात को दो दिन ही बीते थे की जिस शेर को अपनी जान पे खेल कर छुड़ा के लाये थे – वो अचानक ही गायब हो गया। सभी शेर हेरान – परेशान हो गए आखिर वो गया तो गया कहा? उन्होने पुरा जंगल छान मारा पर सारी मेहनत व्यर्थ! उसका कही पता न था. थके-हारे बिचारे शेर जंगल के एक पेड के नीचे बेठे सोचने लगे, की अब क्या करे? तभी एक शेर जो पास के तालाब पे पानी पिने गया था उसने आकर कहा ” वो अब वापिस नहीं आएगा!”
वृद्ध शेर ने कहा “क्यों कहा चला गया वो?”
आये शेर ने कहा “वो वापिस शहर लोट गया है। उसी प्रयोगशाला में! कहता था यहाँ वो नहीं – जो वहां है!
वृद्ध ने कहा “क्या? क्या नही है यहा? यहाँ आजादी है, यहाँ दोस्त है! रिश्तेदार है! अमन है! शांति है! शहर में क्या है?
शांति से उस शेर ने जवाब दिया “शराब”।
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एक बार जो इसे चख ले… जिंदगी भर उसका गुलाम बन जाता है। और उसे पाने के लिए किसी का गुलाम भी!
Very nice story
Nice story
Good story. Really very nice…
Really Very nice story
बहुत ही बढ़िया कहानी।
बहुत ही प्रेरणादायीं
Jordar kahani
Nice Kahani Hai Sir.