The divine figure of Goddess Parvati is worshiped with earnest dedication at the time of Teej. The day’s celebration has an ancient legend associated with it. It is said on this day Goddess Parvati reunited with her consort Lord Shiva. Mata Parvati went through rigorous fasting and a penance of 100 years. She took 108 births to be accepted by Lord Shiva in the form of his wife. Even today the auspicious day is celebrated to honor Goddess Parvati for her true love and positive spirit. And since the celebration of Teej totally relate to Goddess Parvati, so she is also called Teej Mata.
बड़ी तीज माता की कथा
तीज़, उत्तर भारत में मनाया जाने वाला एक त्यौहार है जिसमें माता पार्वती और उनके पति भगवान शिव की आराधना की जाती है। यह पर्व, प्रेम और उनके बीच के स्नेह का प्रतीक है और हर महिला की कामना होती है कि उन दोनों ही तरह ही इनका प्रेम भी बना रहे।
चंद्र-सौर कैलेंडर का पालन हिंदु करते हैं और इसके अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन को यह पर्व मनाया जाता है। इस दिन माता पार्वती की पूजा की जाती है और इन्हें तीज माता के नाम से जाना जाता है। विवाहित और अविवाहित दोनों ही महिलाएं इस उपवास को रखती हैं और पूजा करती हैं।
विवाहित महिलाएं, सुखमय वैवाहिक जीवन और कुंवारी लड़कियां, अच्छा वर पाने के लिए इस व्रत को रखती हं। ऐसा मानते हैं कि इस व्रत को रखने वाली महिलाओं की मृत्यु उनके पति से पहले और आयु पूर्ण होने पर हो जाती है और सुहागिन मृत होकर मोक्ष को प्राप्त होती हैं।