संत महापुरुष जहां लोगों को नाम बाणी से जोड़ते हैं वहीं लोगों का जीवन खुशहाल करने के लिए समाज सेवा के कार्य भी बड़े स्तर पर करते हैं। इसी तरह संत समाज में महाराज भूरीवाले गरीबदासी सम्प्रदाय गुरुगद्दी परम्परा में संत महापुरुष हुए हैं। इस सम्प्रदाय के पहले महाराज महापुरुष महाराज ब्रह्म सागर जी भूरीवाले थे। दूसरे गद्दीनशीन महापुरुष स्वामी लाल दास जी महाराज भूरीवाले थे। इन महापुरुषों का जन्म जट्ट घराने में विक्रमी सम्वत 1946 को पोह के दूसरे दिन माता प्रताप कौर की कोख में से पिता काहन सिंह बल्ल के घर ऐतिहासिक गांव रकबा साहेब नजदीक मुल्लांपुर दाखा (लुधियाना) में हुआ। स्वामी जी बचपन से ही साधु स्वभाव के स्वामी थे।
संतों महापुरुषों व धार्मिक कार्यों में आप जी की दृढ़-निष्ठा थी। आप जी के नगर रकबा में अक्सर ही भूरीवाले के बानी महाराज ब्रह्मसागर जी भूरीवाले आया करते थे। महाराज भूरीवालों की कृपा तथा आशीर्वाद से आप जी लुधियाना के गांव ब्रह्मी में मुंशी सिंह से स्वामी लाल दास जी भूरीवाले बने। महाराज ब्रह्म सागर भूरीवालों के पंंच भौतिक शरीर के त्यागे जाने के उपरांत आप भूरीवालों की सम्प्रदाय के दूसरे गद्दीनशीन बने। आप जी ने पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल इत्यादि राज्यों में लोगों को जहां वहम-भ्रमों से दूर किया वहीं साथ ही नाम शब्द से भी जोड़ा। स्वामी लाल दास जी महाराज भूरीवाले धार्मिक क्षेत्र में मिसाल कायम करके 14 अगस्त 1975 को अपना पंच भौतिक शरीर त्याग कर रुहानी ज्योति-ज्योत समा गए। आप जी के वचनों के अनुसार महाराज भूरीवाले ने गरीबदासी गुरुगद्दी परम्परा को आगे ले जाते हुए ब्रह्म ज्ञानी महाराज ब्रह्मानंद जी भूरीवालों को सम्प्रदाय के तीसरे प्रमुख के तौर पर चादर प्रदान की थी।
महाराज ब्रह्मलीन ब्रह्मानंद भूरीवालों ने समाज सेवा के ऐसे मिसाल कायम किए कि समाज को धार्मिक सेध मिली। आधुनिक समय में गुरुगद्दी परम्परा अनुसार ब्रह्मलीन महाराज ब्रह्मानंद जी भूरीवालों ने अपने पंच भौतिक शरीर त्यागने से पहले उच्चकोटि के संत महापुरुष ब्रह्म ज्ञानी महाराज वेदांताचार्य स्वामी चेतनानंद जी भूरीवालों को गुरुगद्दी परम्परा का चौथा प्रमुख बनाया था। श्री चेतनानंद जी की रहनुमाई में संत महापुरुष स्वामी लाल दास जी महाराज भूरीवालों के आगिमन दिवस को समर्पित जोड़ मेला उनकी जन्म भूमि रकबा साहेब धाम में 18 मई से 20 मई तक मनाया जा रहा है।
इस अवसर पर 18 मई को जगतगुरु बाबा गरीबदास महाराज जी की अमृतमयी गुरुबाणी का प्रकाश महाराज वेदांताचार्य स्वामी चेतनानंद महाराज भूरीवाले करेंगे। 19 मई को भोग डलेंगे। 20 मई को अखंड पाठ के भोग वेदांताचार्य स्वामी चेतनानंद जी महाराज भूरीवाले डालेंगे। इस तीन दिवसीय समागम में रात्रि संध्या आरती उपरांत कीर्तन दरबार भी सजेंगे।