पटाखे तोहफे लायी दिवाली
दिल को खुश करने आई दिवाली
आई रे आई दिवाली
आई रे आई दिवाली
मज़े करते हुए बच्चे देखो
मम्मी का ना पापा का डर है
स्कूल का ना टीचर का डर है
बल्ब फूल लगते पापा
मंदिर सजाती देखो मम्मी
बच्चे हैं खेलते कूदते
पटाखों में एकदम मस्त हैं
खाना देखो बनाती चाची
चॉकलेट खाते देखो चाचा
भगवानजी की पूजा में सब
शीश झुका के बैठे देखो
आरती लेकर और प्रसाद खाकर
झूम उठा सारा परिवार
आई रे आई दिवाली
आई रे आई दिवाली
खुशिया देखो ले आई दिवाली
आई रे आई दिवाली
∼ टीना जिंदल
दिवाली
दीपावली का मतलब होता है, दीपों की अवली यानी पंक्ति। इस प्रकार दीपों की पंक्तियों से सुसज्जित इस त्योहार को दीपावली कहा जाता है। दीवाली को रोशनी का उत्सव या लड़ीयों की रोशनी के रुप में भी जाना जाता है जो कि घर में लक्ष्मी के आने का संकेत है साथ ही बुराई पर अच्छाई की जीत के लिये मनाया जाता है। असुरों के राजा रावण को मारकर प्रभु श्रीराम ने धरती को बुराई से बचाया था। ऐसा माना जाता है कि इस दिन अपने घर, दुकान, और कार्यालय आदि में साफ-सफाई रखने से उस स्थान पर लक्ष्मी का प्रवेश होता है। उस दिन घरों को दियों से सजाना और पटाखे फोड़ने का भी रिवाज है।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन नई चीजों को खरीदने से घर में लक्ष्मी माता आती है। इस दिन सभी लोग खास तौर से बच्चे उपहार, पटाखे, मिठाइयां और नये कपड़े बाजार से खरीदते है। शाम के समय, सभी अपने घर में लक्ष्मी आराधना करने के बाद घरों को रोशनी से सजाते है। पूजा संपन्न होने पर सभी एक दूसरे को प्रसाद और उपहार बाँटते है साथ ही ईश्वर से जीवन में खुशियों की कामना करते है। अंत में पटाखों और विभिन्न खेलों से सभी दीवाली की मस्ती में डूब जाते है।