तारे ज़मीन पर - प्रसून जोशी Contemplation Poem in Hindi

तारे ज़मीन पर: प्रसून जोशी

देखो इन्हे यह है ओस की बूंदे,
पत्तों की गोद मे आसमान से कूदे
अंगड़ाई ले के फिर करवट बदल कर,
नाज़ुक से मोती हंस दे फिसल कर
खो न जाए ये… तारे ज़मीन पर

Aamir Khan - Taare Zameen Parयह तो है सर्दी मे धुप की किरणे
उतरे जो आंगन को सुन्हेरा सा करने
मन के अंधेरो को रोशन सा कर दे
ठिठुरती हथेली की रंगत बदल दे
खो न जाए ये… तारे ज़मीन पर

जैसे आंखो की डिबिया मे निंदिया
और निंदिया मे मीठा सा सपना
और सपने मे मिल जाए फरिश्ता सा कोई
जैसे रंगो भरी पिचकारी
जैसे तितलिया फूलो की क्यारी
जैसे बिना मतलब का प्यारा रिश्ता हो कोई

यह तो आशा की लहर है
यह तो उम्मीद की सेहर है, खुशियों की नेहर है
खो न जाए ये… तारे ज़मीन पर

देखो रातों के सीने पे यह तो
झिलमिल किसी लौ से उगे है
यह तो अम्बियाँ की खुशबु है
बागो से बह चले
जैसे कांच मे चूड़ी के टुकड़े
जैसे खिले खिले फूलो के मुखडे
जैसे बंसी कोई बजाये पेड़ो के तले
यह तो झोंके है पवन के
है यह घुंघरू जीवन के, यह तो सुर है चमन के
खो न जाए ये… तारे ज़मीन पर

मोहल्ले की रौनक, गलियाँ है जैसे
खिलने की जिद पर, कलियाँ है जैसे
मुठ्ठी में मौसम की, जैसे हवाएं
यह है बुजुर्गो के, दिल की दुआएं
खो न जाए ये… तारे ज़मीन पर

कभी बाते जैसे दादी नानी
कभी छल्के जैसे मुम मुम पानी
कभी बन जाए भोले
सवालो की झड़ी
सन्नाटे मे हंसी के जैसे
सूनी होठो पे ख़ुशी के जैसे
यह तो नूर है बरसे गर
तेरी किस्मत हो बड़ी

जैसे झील मे लहराए चंदा
जैसे भीड़ मे अपने का कन्धा
जैसे मनमौजी नदिया
झाग उदय कुछ कहे
जैसे बैठे मीठी सी झपकी
जैसे प्यार की धीमी सी थपकी
जैसे कानों में सरगम
हरदम बजती ही रहे
जैसे बरखा उड़ाती है बुंदिया…

प्रसून जोशी

चित्रपट : तारे ज़मीन पर (२००७)
निर्माता, निर्देशक : आमिर खान
लेखक : अमोल गुप्ते
गीतकार : प्रसून जोशी
संगीतकार : शंकर-एहसान-लॉय, शैलेन्द्र बर्वे
गायक : शंकर महादेवन, दोमिनिकु सरेजो, विविएन्ने पोचा
सितारे : आमिर खान, दर्शील सफारी, टिस्का चोपड़ा, विपिन शर्मा, सचेत इंजीनियर, तनय छेड़ा

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