आगरा की तो शान है ताज।
शाहजहाँ ने इसे बनवाया,
मुमताज प्रेम सर चढ़ाया।
संगमरमर भी लगा सफेद,
समझ न आये इसका भेद।
अमर प्रेम की है निशानी,
सोए इसमें राजा रानी।
देखने इसे पर्यटक आएं,
दाँतों तले ऊँगली दबाएं।
विश्व धरोहर यह कहलाता,
ताजमहल तो सब मन भाता।