अलार्म बजाकर हमें जगाती।
कलाई पर घड़ी बाँधी जाती है,
वह रिस्ट वाच है कहलाती।
पॉकेट वाच जेब में रखते,
वाल क्लॉक दीवार पर लगते हैं।
रेत घड़ी और धुप घड़ी से,
वर्तमान घड़ी का जन्म हुआ।
लेडीज वाच सुन्दर आकर्षक,
आभूषणों जैसी पहनी जाती है।
मोबाइल फ़ोन के इस युग में,
घड़ी अनावश्यक होती जाती है।