Motivational Hindi Poem about Diwali Festival मंगल दीप दिवाली

मंगल दीप दिवाली: दिवाली पर हिंदी कविता

मंगल दीप दिवाली: दीपावली के शुभ दिन भारत में महालक्ष्मी की पूजा का विधान है। दीपावली के पूजन में दीपक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सिर्फ मिट्टी के दीपक का ही महत्व है। इसमें पांच तत्व हैं, मिट्टी, आकाश, जल, अग्नि और वायु। इस लिए प्रत्येक हिंदू अनुष्ठान में पंच तत्वों की उपस्थिति अनिवार्य होती है।

मंगल दीप दिवाली

वह मंगल दीप दिवाली थी,
दीपों से जगमग थाली थी।
कोई दिये जला कर तोड़ गया,
आशा की किरन को रोक गया॥

इस बार न ये हो पाएगा,
अँधियारा ना टिक पाएगा।
कर ले कोशिश कोई लाख मगर,
कोई दिया न बुझने पाएगा॥

जब रात के बारह बजते हैं,
सब लक्ष्मी पूजा करते हैं।
रात की कालिमा के लिए,
दीपों से उजाला करते हैं॥

दिवाली खूब मनाएँगे,
लड्डू और पेड़े खाएँगे।
अंतरमन के अँधेरे को,
दीपों से दूर भगाएँगे॥

गौरव ग्रोवर

भूमि पर कुमकुम से अष्टदल कमल की आकृति बना कर उस पर कलश रखा जाता है। एक कांस्य, ताम्र, रजत या स्वर्ण कलश में जल भरकर उसमें कुछ आम के पत्ते डालकर उसके मुख पर नारियल रख कर कलश पर कुंकुम, स्वास्तिक का चिह्न बनाकर, उसके गले पर मौली (नाड़ा) बांधा जाता है। इसके बाद शांति, समृद्धि और मुक्ति का प्रतीक माने जाने वाले कमल और गेंदे के पुष्प लेकर सभी देवी-देवताओं की पूजा के अलावा घर की सजावट करनी चाहिए। घर की सुंदरता, शांति और समृद्धि के लिए बेहद जरूरी है। इसके साथ ही शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी जी के पूजन के तहत नैवेद्य में फल, मिठाई, मेवा और पेठे के अलावा धानी, बताशे, चिरौंजी, शक्कर पारे, गुझिया आदि का भोग लगाया जाता है। नैवेद्य और मीठे पकवान हमारे जीवन में मिठास या मधुरता घोलते हैं।

Check Also

Lord Buddha: Enlightenment and Nirvana

To A Buddha Seated On A Lotus: Sarojini Naidu

Sarojini Naidu was an Indian independence activist, poet and politician. A renowned orator and accomplished …