घर से बाहर
जब भी जाओ
तो ज्यादा से ज्यादा
रात तक लौट आओ
जो कई दिन तक ग़ायब रह कर वापस आता है
वो उम्र भर पछताता है
घर अपनी जगह छोड़ कर चला जाता है।
लगाव
तुम जहाँ भी रहो
उसे घर की तरह सजाते रहो
गुलदान में फूल सजाते रहो
दीवारों पर रंग चढ़ाते रहो
सजे बजे घर में हाथ पाँव उग आते हैं
फिर तुम कहीं जाओ
भले ही अपने आप को भूल जाओ
तुम्हारा घर
तुम्हें ढूंढ कर वापस ले आएगा