Lala Lajpat Rai Famous Quotes

Lala Lajpat Rai Famous Quotes

Lala Lajpat Rai Famous Quotes: Lala Lajpat Rai (28 January 1865 – 17 November 1928), was an Indian Punjabi author, freedom fighter and politician who is chiefly remembered as a leader in the Indian Independence movement. He was popularly known as Punjab Kesari. He was part of the ‘Lal Bal Pal‘ trio. Here we have compiled down some of the famous Lala Lajpat Rai quotes and sayings. Just hope you will like this quote compilation and learn something from Lala Lajpat Rai words.

Lala Lajpat Rai Famous Quotes

  • The Government which attacks its own innocent subjects has no claim to be called a civilized government. Bear in mind, such a government does not survive long. I declare that the blows struck at me will be the last nails in the coffin of the British rule in India.
  • If I had the power to influence Indian journals, I would have the following headlines printed in bold letters on the first page: Milk for the infants, Food for the adults and Education for all.
  • Since the cruel killing of cows and other animal have commenced, I have anxiety for the future generation.
  • Proceeds from the qualities that man by grace and not others.
  • I always believed that my silence on several topics will be an advantage in the long run.
  • Defeat and failure are sometimes necessary steps of victory.
  • A person should be courageous and honest in worshiping the truth, without being concerned about receiving worldly benefits.

लाला लाजपत राय जिन्हे हम पंजाब केसरी के नाम से भी जानते हैं एक ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने अपने जीवन में कभी भई हार नहीं मानी और जोश एवं जुनून के साथ संघर्ष करते रहे। यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में गरम दल के तीन प्रमुख नेताओं लाल-बाल-पाल (लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक और विपिन चंद्र पाल को सम्मिलित रूप से लालबालपाल के नाम से जाना जाता था) में से एक थे। आइये आज हम लाला लाज पत राय के सुविचारों के बारे में जानते हैं:

लाला लाजपत राय के सुविचार

  • अतीत को देखते रहना व्यर्थ है, जब तक उस अतीत पर गर्व करने योग्य भविष्य के निर्णाण के लिए कार्य न किया जाए।
  • दूसरों पर विश्वास न रखकर स्वंय पर विश्वास रखो। आप अपने ही प्रयत्नों से सफल हो सकते हैं क्योंकि राष्ट्रों का निर्माण अपने ही बलबूते पर होता है।
  • नेता वह है जिसका नेतृत्व प्रभावशाली हो, जो अपने अनुयायियों से सदैव आगे रहता हो, जो साहसी और निर्भीक हो।
  • वास्तविक मुक्ति दुखों से निर्धनता से, बीमारी से, हर प्रका की अज्ञानता से और दासता से स्वतंत्रता प्राप्त करने में निहित है।
  • पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ शांतिपूर्ण साधनों से उद्देश्य पूरा करने के प्रयास को ही अहिंसा कहते हैं।
  • पराजय और असफलता कभी-कभी विजय की और जरूरी कदम होते हैं।
  • सार्वजनिक जीवन में अनुशासन को बनाए रखना बहुत ही जरूरी है, वरना प्रगति के मार्ग में बाधा खड़ी हो जायेगी।
  • देशभक्ति का निर्णाण न्याय और सत्य की दृढं चट्टान पर ही किया जा सकता है।
  • इंसान को सत्य की उपासना करते हुए सांसारिक लाभ पाने की चिंदा किए बिना साहसी और ईमानदार होना चाहिए।
  • वह समाज कदापि नहीं टिक सकता जो आज की प्रतियोगिता और शिक्षा के समय में अपने सदस्यों को प्रगति का पूरा-पूरा अवसर प्रदान नहीं करता है।

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