कष्टभंजन हनुमान मंदिर, सारंगपुर, जिला अहमदाबाद, गुजरात

कष्टभंजन हनुमान मंदिर, सारंगपुर, अहमदाबाद, गुजरात

Name: कष्टभंजन हनुमान मंदिर, सारंगपुर, अहमदाबाद, गुजरात – Kashtabhanjan Hanuman Mandir, Sarangpur, Ahmedabad, Gujarat
Location: Shree Kashtabhanjan dev Hanumanji Mandir – P.O. Salangpur (Hanuman) Taluk: Barwala, District: Botad,  Ahmedabad, Gujarat 382450 India
Deity: Hanuman in the form of Kastbhanjan
Affiliation: Hinduism
Completed: – century
Architecture: Gopalanand Swami (Creator)

कहा जाता है हनुमान भक्तों पर शनिदेव का कभी प्रकोप नहीं होता। माना जाता है कि सारंगपुर का कष्टभंजन हनुमान मंदिर बहुत चमत्कारी है और यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सभी  मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। यदि कुंडली में शनि दोष हो तो कष्टभंजन हनुमान के दर्शन और पूजा-अर्चना करने मात्र से सभी दोष खत्म हो जाते हैं। इसी वजह से इस मंदिर में साल भर भक्तों की भीड़ लगी रहती है।

कष्टभंजन हनुमान मंदिर का सारंगपुर में एक बेहद प्राचीन मंदिर है। इसके पीछे एक पौराणिक मान्यता जुड़ी है जिसमें बताया गया है कि कैसे हनुमान जी ने शनि प्रकोप से अपने भक्तों को यहां मुक्ति दिलाई थी। उसी प्रसंग से इस मंदिर का इतिहास जुड़ा है। इसीलिए यह मंदिर अपने आप में खास है।

कहा जाता है कि एक समय शनिदेव का प्रकोप काफी बढ़ गया था। शनिदेव के प्रकोप से भूलोकवासियों को बेहद दुखों और परेशानियों का सामना करना पड़ा था। शनिदेव से बचने के लिए भक्तों ने भगवान हनुमान से प्रार्थना की। भक्तों की प्रार्थना सुनकर भगवान हनुमान शनिदेव पर क्रोधित हो गए और उन्हें दंड देने का निश्चय किया। हनुमान जी अपने भक्तों के लिए सदैव दुखभंजन संकटमोचक रहे हैं। अपने भक्तों की शनिदेव के कारण ऐसी दशा देख कर उनसे रहा नहीं गया और क्रोधित होकर शनिदेव से युद्ध करने चल पड़े। जब शनिदेव को यह बात पता चली तो वे बहुत डर गए और हनुमान जी के क्रोध से बचने के लिए उपाय सोचने लगे।

तब उन्हें एक युक्ति सुझी। शनिदेव जानते थे कि हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं, वे शरणागत स्त्री पर कभी हाथ नहीं उठा सकते। इसलिए हनुमान जी के क्रोध से बचने के लिए शनिदेव ने स्त्री रूप धारण कर लिया और हनुमान जी के चरणों में गिरकर क्षमा मांगने लगे और भक्तों पर से अपना प्रकोप भी हटा लिया। तब से लेकर आज तक सारंगपुर के कष्टभंजन हनुमान मंदिर में शनिदेव को हनुमान जी के चरणों में स्त्री रूप में ही पूजा जाता है। भक्तों के कष्टों का निवारण करने के कारण इस मंदिर को कष्टभंजन हनुमान मंदिर के नाम से जाना जाता है।

यह मंदिर अपने पौराणिक महत्व के साथ-साथ अपनी सुंदरता और भव्यता के लिए भी प्रसिद्ध है। यह किसी किले के समान दिखाई देता है। मंदिर की सुंदरता और भव्यता देखते ही बनती है। कष्टभंजन हनुमान जी सोने के सिंहासन पर विराजमान हैं और इन्हें कष्टभंजन हनुमान जी महाराजाधिराज के नाम से भी जाना जाता है। हनुमान जी की प्रतिमा के आसपास वानर सेना दिखाई देना आम बात है। इस मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा बहुत ही आकर्षक है।

सभी जानते हैं कि हनुमान जी स्त्रियों के प्रति विशेष आदर और सम्मान का भाव रखते हैं। ऐसे में हनुमान जी के चरणों में किसी स्त्री का होना आश्चर्य की बात है। कष्टभंजन हनुमान जी के मंदिर में भक्त अपने कष्ट मिटाने आते हैं। भगवान हनुमान के साथ शनिदेव की पूजा-अर्चना करते हैं। यहां आने वालों पर शनि का कोप नहीं होता। हनुमान जी के भक्तों पर शनिदेव की तिरछी नजर नहीं पड़ती है। शनि दोषों से मुक्ति हेतु कष्टभंजन हनुमान जी के दर्शन के पीछे यही मान्यता रही है।

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