मैडम ने यह फरमाया।
झट-पट से एक कविता लिखा ला,
विद्यालय पत्रिका में उसको छपवा।
मुझको कविता लिखना नहीं है आता,
सोच-सोच कर मन पछताया।
घर जाकर पापा को पकड़ा,
शोर मचाया कर लिया झगड़ा।
पास बैठाकर उनसे बोली,
मुझे लिखवा दो एक कविता।
उसको लेकर दौड़ी आई
मैडम को जल्दी दिखलाई।
उसे देखकर सब हर्षाए,
सबको मेरा गीत सुनाए।
लिख नहीं सकती, फिर लिख आई,
मैडम ने भी लाड़ लड़ाया।
~ तमन्ना भसीन (एल.के.जी.) St. Gregorios School, Sector 11, Dwarka, New Delhi – 110075
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