पृथ्वी के बारे में कुछ अनमोल विचार

पृथ्वी के बारे में अनमोल विचार बच्चों के लिए

पृथ्वी के बारे में अनमोल विचार बच्चों के लिए: पृथ्वी दिवस पूरे विश्व में 22 अप्रैल को मनाया जाता है। पृथ्वी दिवस को पहली बार सन् 1970 में मनाया गया था। इसका उद्देश्य लोगों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाना था। पृथ्वी पर अक्सर उत्तरी ध्रुव की ठोस बर्फ़ का कई किलोमीटर तक पिघलना, सूर्य की पराबैंगनी किरणों को पृथ्वी तक आने से रोकने वाली ओज़ोन परत में छेद होना, भयंकर तूफ़ान, सुनामी और भी कई प्राकृतिक आपदाओं का होना, जो भी हो रहा है इन सबके लिए मनुष्य ही ज़िम्मेदार हैं। आइये जाने की दुनिया के कुछ प्रशिद लोगों ने पृथ्वी के बारे में क्या कहा:

पृथ्वी के बारे में अनमोल विचार

पृथ्वी के बारे में अनमोल विचार बच्चों के लिए

  • पृथ्वी सभी मनुष्यों की ज़रुरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है, लेकिन लालच पूरा करने के लिए नहीं। ~ महात्मा गाँधी
  • पृथ्वी स्वर्ग से भरी हुई है… लेकिन यह केवल वही देख पाता है जो अपने जूते उतारता है। ~ एलिज़ाबेथ बैरेट ब्राउनिंग
  • विशाल ब्रह्मांडीय अखाड़े में पृथ्वी एक बहुत छोटा सा मंच है। ~ कार्ल सागन
  • ये मत भूलो की धरती तुम्हारे पैरों को महसूस करके खुश होती है और हवा तुम्हारे बालों से खेलना चाहती है। ~ खलील जिब्रान
  • हज़ारों थके, अचंभित, अति सभ्य लोग अब ये जानने लगे हैं कि पहाड़ों पर जाना घर जाना है; कि जंगल एक ज़रुरत हैं… ~ जॉन मुइर
  • पृथ्वी हमारी नहीं – हम पृथ्वी के हैं। ~ चीफ सीयेटेल
  • एक अच्छे घर का क्या उपयोग है अगर आपके पास इसे बनाने के लिए एक सहनशील ग्रह नहीं है। ~ हेनरी डेविड थोरो
  • जो पृथ्वी को नरक जैसा अनुभव करा रहा है वो हमारी अपेक्षा है कि इसे स्वर्ग जैसा होना चाहिए। ~ चक पल्ह्न्युक
  • एक बार मेरे एक दोस्त ने मुझे एक पोस्ट कार्ड भेजा जिस पर अन्तरिक्ष से ली हुई पूरे पृथ्वी की फोटो थी। पीछे लिखा था, “काश तुम यहाँ होते”। ~ स्टीवन राईट
  • तुम पृथ्वी से जो लेते हो, उसे वापस कर देना चाहिए। यही प्रकृति का तरीका है। ~ क्रिस डी लेसी
  • पश्चिमी सभ्यता इस ग्रह के सिर पर तानी एक भरी हुई बंदूक है। ~ टेरेंस मैककेना
  • हमें यह ग्रह हमारे पूर्वजों से उत्तराधिकार में नहीं मिला, हम इसे अपने बच्चों से उधार में लेते हैं। ~ अमेरिकी कहावत
  • मनुष्य ही इस पृथ्वी पर एक मात्र प्राणी है जो अपने बच्चों को घर वापस आने की इज़ाज़त देता है। ~ बिल कोस्बी
  • कमजोरों को स्वर्ग पर शाशन करने दो। जो मज़बूत हैं वे पृथ्वी पर शाशन करें। ~ जेनिफर अर्मीनट्राउट
  • हर कोई पृथ्वी को बचाना चाहता है; कोई अपनी माँ को खाना बनाने में मदद नहीं करना चाहता। ~ पी. जे . ओ’ रुर्के
  • पेड़ वो कविताएँ हैं जो पृथ्वी आकाश पर लिखती है। ~ खलील जिब्रान
  • भगवान् ने पृथ्वी पर स्वर्ग बनाया लेकिन इंसान ने नरक। ~ संतोष कलवार
  • मैं पृथ्वी देख रहा हूँ! यह बहुत खूबसूरत है। ~ युरी गागरिन
  • ज़िन्दगी वो है जो आप इसे बनाते हैं, धरती पर स्वर्ग या नर्क। ~ स्टीवन रेडहेड
  • मैं सिर्फ उसके लिए चाँद की सैर कराना चाहता था, पर जो चीज मुझे वास्तव में देनी चाहिए थी वो पृथ्वी की एक असल यात्रा थी। ~ मैथियाज़ मलज़ु

  • आपकी दुनिया में गाड़ी चलाना कुछ खतरनाक लगता है। ~ मिसी लायंस
  • बिना पृथ्वी के मानव जाति घर के बिना मानवता के सामान है। ~ एस. जी. रेन्बोल्ट
  • पृथ्वी एक कैनवास है, और परमेश्वर कलाकार है। ~ एमी बी.
  • सूर्य सौ साल पहले मुस्कुरा रहा था और आज वो हंस रहा है। ~ संतोष कलवार
  • ये सिर्फ “हमारी” दुनिया नहीं है। ~ मारिओ स्टिंगर
  • स्वस्थ्य पृथ्वी स्वस्थ्य निवासियों के बराबर है। ~ लौरेल मेरी सोबोल
  • पृथ्वी नर्क का ही एक रूप है, और इंसान इसके राक्षस हैं। ~ अनाम
  • धरती माँ शायद पसंद ना करे जिस तरह हम उसकी रक्षा करते हैं… अगर कुछ करते हैं। ~ तोबा बीटा
  • यदि आप खुद को ईश्वर के प्रेम की याद दिलाना चाहते है, तो बस सूर्योद देख लीजिये। ~ जीनेट वाल्स
  • पानी और हवा, दो महत्त्वपूर्ण द्रव्य जिस पर हर प्रकार का जीवन निर्भर करता है, वैश्विक कचरे के डिब्बे बन गए हैं। ~ जैक्स -एवस कौस्टो
  • “क्योंकि प्रकृति के लिए सामान्य मानव गतिविधि इतिहास में घटी सबसे बड़ी परमाणु दुर्घटना से भी बदतर है।” ~ मार्टिन क्रूज़ स्मिथ
  • फिर से बसंत आ गया है। पृथ्वी एक बच्चे की तरह है जिस कविताएँ अच्छी तरह से याद हैं। ~ रेनर मारिया रिलके
  • बर्वादी आपराधिक है। ~ क्रिस्टिन कैशोर
  • इस नीले चमकते ग्रह पर बीताया हर एक पल कीमती है इसलिए इसे सावधानी से प्रयोग करो। ~ संतोष कलवार
  • पृथ्वी माँ इतना अधिक रोइं कि उनके पास खुशियों की ज़मीन से अधिक आंसुओं के दरिये हैं। ~ संतोष कलवार
  • हम इतने अभिमानी कैसे हो सकते हैं? यह ग्रह हमेशा से हमसे शक्तिशाली था, है और रहेगा। हम इसे नष्ट नही कर सकते, अगर हम अपनी सीमा लांघते हैं तो ये ग्रह बस हमें बस अपनी सतह से मिटादेगा और खुद जीवित रहेगी। वे इस बारे में बात क्यों नहीं शुरू करते कि कहीं ये गृह हमारा ही विनाश ना कर दे। ~ पाउलो कोएलो
  • किसने ये दुनिया बनायी मैं नहीं जानता; ये बन चुकी है, और मैं यहाँ नर्क में हूँ। ~ ऐ. ई. हाउसमैन
  • ये गृह मर रहा है। मानवजाति इसे नष्ट कर रही है… अगर पृथ्वी मरती है, तुम मरते हो। अगर तुम मरते हो पृथ्वी जीती है। ~ आर्थर टोफटे
  • जब लोग मुझसे कहते हैं कि वे जिम नहीं ज्वाइन कर सकते हैं, मैं कहता हूँ बहार जाओ; पृथ्वी गृह एक जिम है और हम पहले से ही इसके सदस्य हैं। दौड़ो, कूदो, पसीना बहाओ और तुम्हारे पास जो प्राकृतिक सम्पदा है उसका आनंद उठाओ। ~ स्टीव मराबोली
  • जन्म से ही, इंसान अपने कन्धों पर गुरुत्वाकर्षण का बोझ उठाये रहता है। वह पृथ्वी से बंधा रहता है। लेकिन एक व्यक्ति को बस सतह से थोडा नीचे जाना होता है और वो स्वतंत्र हो जाता है। ~ जैक्स ईव्स कोस्टे
  • हम ऐसे बिंदु पर पहुँच रहे हैं जहाँ हमने पृथ्वी पर जो बोझ रखा है यदि उसे खुद नहीं हटाते तो पृथ्वी को उसे हटाना होगा। ~ स्टीवन एम्. ग्रीयर
  • हम इतनी दूर चाँद का पता लगाने आये, और जो सबसे ज़रूरी चीज है वो ये कि हमने पृथ्वी को खोज लिया। ~ विलियम ऐ. एंडर्स

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