Hindi Poem on Man's Status आदमी की औकात

Hindi Poem on Man’s Status आदमी की औकात

औरत के दिल को पढ़ना भले मुश्किल हो गया हो, आदमी की औकात को पढ़ना हमेशा से आसान काम रहा है।

एक माचिस की तिल्ली,
एक घी का लोटा,
लकड़ियों के ढेर पे
कुछ घण्टे में राख…
बस इतनी-सी है
आदमी की औकात!

एक बूढ़ा बाप शाम को मर गया,
अपनी सारी ज़िन्दगी,
परिवार के नाम कर गया।
कहीं रोने की सुगबुगाहट,
तो कहीं फुसफुसाहट,
…अरे जल्दी ले जाओ
कौन रोयेगा सारी रात…
बस इतनी-सी है
आदमी की औकात!

मरने के बाद नीचे देखा,
नज़ारे नज़र आ रहे थे,
मेरी मौत पे …
कुछ लोग ज़बरदस्त,
तो कुछ ज़बरदस्ती
रो रहे थे।
नहीं रहा… चला गया…
चार दिन करेंगे बात…
बस इतनी-सी है
आदमी की औकात!

बेटा अच्छी तस्वीर बनवायेगा,
सामने अगरबत्ती जलायेगा,
खुश्बुदार फूलों की माला होगी…
अखबार में अश्रुपूरित श्रद्धांजली होगी…

बाद में उस तस्वीर पे,
जाले भी कौन करेगा साफ़…
बस इतनी-सी है
आदमी की औकात!

जिन्दगी भर,
मेरा- मेरा मेरा किया…
अपने लिए कम,
अपनों के लिए ज्यादा जीया…
कोई न देगा साथ…जायेगा खाली हाथ…
क्या तिनका
ले जाने की भी
है हमारी औकात?

हम चिंतन करें…
क्या है हमारी औकात?

~ व्हाट्सएप पर शेयर किया गया

आपको “आदमी की औकात” कविता कैसी लगी – आप से अनुरोध है की अपने विचार comments के जरिये प्रस्तुत करें। अगर आप को यह कविता अच्छी लगी है तो Share या Like अवश्य करें।

यदि आपके पास Hindi / English में कोई poem, article, story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें। हमारी Id है: submission@sh035.global.temp.domains. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ publish करेंगे। धन्यवाद!

Check Also

Shubhchintak: 2025 Gujarati Crime thriller Drama Film, Trailer, Review

Shubhchintak: 2025 Gujarati Crime thriller Drama Film, Trailer, Review

Movie Name: Shubhchintak Directed by: Nisarg Vaidya Starring: Swapnil Joshi, Manasi Parekh, Viraf Patell, Deep …