- मैं अकेली हूँ, लेकिन फिर भी मैं हूँ। मैं सबकुछ नहीं कर सकती, लेकिन मैं कुछ तो कर सकती हूँ और सिर्फ इसलिए कि मैं सब कुछ नहीं कर सकती, मैं वो करने से पीछे नहीं हटूंगी जो मैं कर सकती हूँ।
- मैं महान और अच्छे काम करना चाहती हूँ, लेकिन यह मेरा परम कर्तव्य है कि मैं छोटे कामों को भी ऐसे करूँ जैसे कि वो महान और नेक हों।
- मैं कभी-कभार ही अपनी कमियों के बारे में सोचती हूँ, और वो मुझे कभी दुखी नहीं करते। शायद एक-आध बार थोड़ी पीड़ा होती है; पर वह फूलों के बीच में हवा के झोंके के समान अस्पष्ट है।
- अकेले हम कितना कम हासिल कर सकते हैं, साथ में कितना ज्यादा।
- पूरी दुनिया कष्टों से भरी है। और उन कष्टों को पार पाने से भी।
- चरित्र का विकास आसानी से नहीं किया जा सकता। केवल परिक्षण और पीड़ा के अनुभव से आत्मा को मजबूत, महत्त्वाकांक्षा को प्रेरित, और सफलता को हासिल किया जा सकता है।
- विश्वास वो शक्ति है जिससे उजड़ी हुई दुनिया में भी प्रकश किया जा सकता है।
- खुद की तुलना ज्यादा भाग्यशाली लोगों से करने कि बजाये हमें अपने साथ के ज्यादातर लोगों से अपनी तुलना करनी चाहिए। और तब हमें लगेगा कि हम कितने भाग्यवान हैं।
- दुनिया की सबसे खूबसूरत चीजें ना ही देखी जा सकती हैं और ना ही छुई, उन्हें बस दिल से महसूस किया जा सकता है।
- यदि हम अपने काम में लगे रहे तो हम जो चाहें वो कर सकते हैं।
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