प्रेरणादायी है माँ सरस्वती का स्वरुप

प्रेरणादायी है माँ सरस्वती का स्वरुप

वसंत पंचमी हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ शुक्ल की पांच तारीख को मनाई जाती है। देवी भागवत में उल्लेख है कि माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी को ही संगीत, काव्य, कला, शिल्प, रस, छंद, शब्द व शक्ति की प्राप्ति जीव को हुई थी। सरस्वती को प्रकृति की देवी की उपाधि भी प्राप्त है।

Goddess Maa Saraswati
Goddess Maa Saraswati

पद्मपुराण में मां सरस्वती का रूप प्रेरणादायी है।

शुभ्रवस्त्र धारण किए हैं और उनके चार हाथ हैं जिनमें वीणा, पुस्तकमाला और अक्षरमाला है। उनका वाहन हंस है।

शुभवस्त्र मानव को प्रेरणा देते हैं कि अपने भीतर सत्य, अहिंसा, क्षमा, सहनशीलता, करुणा, प्रेम व परोपकार आदि सद्गुणों को बढ़ाएं और क्रोध, मोह, लोभ, मद, अहंकार आदि का परित्याग करें।

दो हाथों में वीणा ललित कला में प्रवीण होने की प्रेरणा देती है।

जिस प्रकार वीणा के सभी तारों में सामंजस्य होने से मधुर संगीत निकलता है वैसे ही मनुष्य अपने जीवन में मन व बुद्घि का सही तालमेल रखे।

सरस्वती का वाहन हंस विवेक का परिचायक है।

Check Also

Akshaya Tritiya Quiz: Akshaya Tritiya Festival MCQ Quiz

Akshaya Tritiya Quiz: Multiple-choice Questions on Akshaya Tritiya

Akshaya Tritiya Quiz : The word “Akshaya” means the never diminishing in Samskrutam and the …