पुस्तकों पर नारे: विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस (World Book and Copyright Day) प्रत्येक वर्ष ‘23 अप्रैल‘ को मनाया जाता है। इसे ‘विश्व पुस्तक दिवस‘ भी कहा जाता है। इंसान के बचपन से स्कूल से आरंभ हुई पढ़ाई जीवन के अंत तक चलती है। लेकिन अब कम्प्यूटर और इंटरनेट के प्रति बढ़ती दिलचस्पी के कारण पुस्तकों से लोगों की दूरी बढ़ती जा रही है। आज के युग में लोग नेट में फंसते जा रहे हैं। यही कारण है कि लोगों और किताबों के बीच की दूरी को पाटने के लिए यूनेस्को ने ‘23 अप्रैल‘ को ‘विश्व पुस्तक दिवस – World Book Day‘ के रूप में मनाने का निर्णय लिया। यूनेस्को के निर्णय के बाद से पूरे विश्व में इस दिन ‘विश्व पुस्तक दिवस’ मनाया जाता है। प्रस्तुत हैं किताबों / पुस्तकों से जुड़े कुछ नारे:
पुस्तकों पर नारे विद्यार्थियों और बच्चों के लिए
- सूझे ना जब कोई निदान, पुस्तक से मिले समाधान।
- पुस्तक में होती नई खोज, पुस्तक से मिलती नई सोच।
- जब ना हो कोई संगी-साथी, पुस्तक ही तब मन बहलाती।
- पुस्तक देती हमको ज्ञान जब होता मन परेशान।
- किताबों में इतना खजाना छुपा हैं, जितना कोई लुटेरा कभी लूट नहीं सकता।
- लोगों को मारा जा सकता है, लेखकों को भी, लेकिन किताबों को मारना संभव नहीं।
- बोलने से पहले सोचो, सोचने से पहले पढ़ो।
- ना हो आपसे समाधान तो लो पुस्तकों से समाधान।
- पुस्तकें ज्ञानवान होती हैं यह देश की शान होती हैं।
- ज्ञान का भंडार है पुस्तक।
- लोगों को किताबें पढ़ाओ उनको ज्ञानवान बनाओ।
- पुस्तकें ज्ञान देती हैं यह ना कोई फीस लेती है।
- पुस्तकों के ज्ञान से देश महान बनता है।
- गुरु गोविंद का गान करें पुस्तकें सबका बखान करें।
- पुस्तके समान ज्ञान देती हैं ना किसी से भेदभाव करती हैं।
- पुस्तकें अच्छी दोस्त होती हैं।
- पुस्तकों में खजाना छुपा है ज्ञान का भंडार छुपा है।
- पुस्तकें ज्ञान देती हैं यह ज्ञानवान होती हैं।
- पुस्तकों से ज्ञान लेते चलो ज्ञान को समेटते चलो।
- मानवता का बखान करती पुस्तक ज्ञान को बिखेरती पुस्तक।
- कुछ किताबों में कुछ ऐसा कीड़ा होता है – जिन में जीवन कम – मृत्यु का ज्यादा बखान होता है।