सद्गुरु जग्गी वासुदेव के अनमोल विचार

सद्गुरु जग्गी वासुदेव के अनमोल विचार Sadhguru Jaggi Vasudev Quotes

सद्गुरु जग्गी वासुदेव के अनमोल विचार: जग्गी वासुदेव (जन्म: ३ सितम्बर, १९५७) एक योगी, सद्गुरु और दिव्‍यदर्शी हैं। उनको ‘सद्गुरु’ भी कहा जाता है। वह ईशा फाउंडेशन (Isha Foundation) नामक लाभरहित मानव सेवी संस्‍थान के संस्थापक हैं। ईशा फाउंडेशन भारत सहित संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड, लेबनान, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया में योग कार्यक्रम सिखाता है साथ ही साथ कई सामाजिक और सामुदायिक विकास योजनाओं पर भी काम करता है। इसे संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक परिषद में विशेष सलाहकार की पदवी प्राप्‍त है। उन्होने ८ भाषाओं में १०० से अधिक पुस्तकों की रचना की है।

Name Sadhguru Jaggi Vasudev / सद्गुरु जग्गी वासुदेव
Born 3 September 1957 – Mysore, Karnataka
Occupation Spiritual Leader, Yog Guru, Writer
Nationality Indian
Achievement Founded Isha Foundation which is known for its Yoga programs and philanthropic activities.

सद्गुरु जग्गी वासुदेव के अनमोल विचार Sadhguru Jaggi Vasudev Quotes

  • अविश्वसनीय चीजें आसानी से की जा सकती हैं यदि हम उन्हें करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
  • कुंठा, निराशा और अवसाद का मतलब है कि आप अपने खिलाफ काम कर रहे हैं।
  • एक बार जब आपका मन पूर्ण रूप से स्थिर हो जाता है तब आपकी बुद्धि मानवीय सीमाओं को पार कर जाती है।
  • आध्यात्मिकता का मतलब है क्रमिक विकास की प्रक्रिया को फ़ास्ट-फॉरवर्ड पे डालना।
  • हर चीज को ऐसे देखना जैसी कि वो है, आपको जीवन को सहजता से जीने की शक्ति और क्षमता देता है।
  • आपकी ज्यादातर इच्छाएं वास्तव में आपकी नहीं होतीं। आप बस उन्हें अपने सामजिक परिवेश से उठा लेते हैं।
  • ये दर असल सेक्स के बारे में नहीं है – अपने शरीर से अपनी पहचान करना आपके आध्यात्मिक विकास में बाधक है।
  • जिम्मेदारी का मतलब है जीवन में आने वाली किसी भी स्थिति का सामना करने में सक्षम होना।
  • कोई भी काम तनावपूर्ण नहीं है। शरीर, मन और भावनाओं का प्रबन्धन ना कर पाने की आपकी असमर्थता उसे तनावपूर्ण बनाता है।
  • खोजने का अर्थ है ये स्वीकार करना कि आप नहीं जानते हैं। एक बार जब आप अपनी स्लेट साफ़ कर लेते हैं, सच खुद को उसपर छाप सकता है।
  • मन को केवल कुछ चीजें ही याद रहती हैं। शरीर को सबकुछ याद रहता है। जो सूचना ये रखता है वो अस्तित्व के प्रारम्भ तक जाती हैं।
  • अधिकतर मनुष्य पिंजड़े में कैद एक चिड़िया की तरह रहते हैं जिसका दरवाजा टूटा हुआ हो। वे आदतन पिंजड़े को गोल्ड प्लेट करने में बहुत व्यस्त होते हैं, वे परम संभावनाओं तक नहीं जाते।
  • पानी की अपनी याददाश्त है। आप इसके साथ कैसे पेश आते हैं, किस तरह के विचार और भावनाएं पैदा करते हैं उसी के अनुसार वो आपके शरीर में व्यवहार करता है।
  • गप्पें मारना आपके आस-पास के लोगों के साथ एक तरह का मिसअलाइनमेंट है। या तो आप सबके बारे में गप मार सकते हैं, या सबके साथ एक हो सकते हैं।
  • मेरी कोई राय नहीं होती। केवल जब किसी काम के लिए आवश्यक हो जाता है, मैं कोई निर्णय लेता हूँ। राय आपकी बुद्धि के लिए बेड़ियाँ हैं।
  • आध्यात्मिकता विशेष बनने के बारे में नहीं है – ये हर के चीज साथ एक बनने के बारे में है।
  • किसी से अटैच होना दुसरे व्यक्ति के बारे में नहीं है। ये आपकी अपनी अपर्याप्तता के बारे में है।
  • आत्मा, स्वर्ग या भगवान् के बारे में बात मत करो। किसी ऐसी चीज के बारे में बात करना हो आपके लिए वास्तविकता न हो झूठ के बराबर है।
  • ईमानदारी एक्शन के बारे में नहीं बल्कि उद्देश्य के बारे में है। क्या आप इसे सबकी भलाई के लिए कर रहे हैं या अपने फायदे के लिए?
  • कोई भी दो व्यक्ति एक से नहीं हो सकते। आप लोगों की तुलना नहीं कर सकते। आप बस बराबर अवसर दे सकते हैं।

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