यजमान कंजूस: प्रभुदयाल श्रीवास्तव
सात बार रबड़ी मंगवाई।
एक भगोना पिया रायता।
बीस पुड़ी का लिया जयका।
चार भटों का भरता खाया।
दो पत्तल चाँवल मंगवाया।
जल पीने पर आई डकार।
छुआ पेट को बारंबार।
बोले नहीं पिलाया जूस।
यह यजमान बहुत कंजूस।
~ प्रभुदयाल श्रीवास्तव
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