इन सुरंगों तक 18वीं शताब्दी की सीढ़ियों के माध्यम से जाया जा सकता है। ये सुरंगें सैंट्रल नेपल्स में पिआजा डेल प्लेबिसाइट्स से अधिक दूर नहीं हैं। 21वीं शताब्दी की शुरुआत में स्थानीय लोगों ने इन सुरंगों की पुनः खोज की और उन्हें पर्यटन का आकर्षण बना दिया जिसे नाम दिया गया – गैलेरिया बाबोरनिका (Bourbon Gallery)।
बहादुर पर्यटक 1740 फुट लंबी इन सुरंगों तक शहर भर का टूर करते हुए पहुंच सकते हैं और इनकी खोज कर सकते हैं। यह स्थान देखने में थोड़ा भयावह है और पिछले कुछ दशकों में इसका कई ढंगो से इस्तेमाल होता था।
बुरबों सुरंग का डिजाइन बुनियादी तौर पर बुरबों के राजा फर्दीनांद द्वितीय (King Ferdinand II of Bourbon) के लिए एक बच कर भागने वाले रास्ते के तौर पर तैयार किया गया था जो 1853 में शाही महल तथा फौजी बैरकों को जोड़ता था। ये गुप्त रास्ते विद्रोहियों का मुकाबला करने के लिए विशेष तौर पर तैयार किए गए थे क्योंकि राजा फर्दीनांद का शासन काफी अस्थिर हो चूका था और विद्रोही उसे कड़ी चुनौती दे रहे थे। शहर के पुराने जलमार्गों का इस्तेमाल करने की उत्सुकता के चलते बोला तथा कार्मिगनैनो के जलाशयों में ढांचे का निर्माण करने की योजना बनाई गई थी। हालांकि इन सुरंगों के निर्माण के पूरा होने से पहले ही राजा की मृत्यु हो गई थी।
चूंकि अब यह रास्ता जरूरी नहीं रह गया था इसलिए ये सुरंगें आने वाले वर्षों में विभिन्न तरीकों से प्रयोग में लाई जाती रहीं। यह स्थान कई लोगों को सुरक्षा तथा चीजें जमा करने की जगह उपलब्ध करवाता था। ये जलमार्ग यानी सुरंगें द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एक मिलिट्री अस्पताल तथा बमों से बचने की पनागाह के तौर पर भी इस्तेमाल की रहीं। 1940 तथा 1960 के दौरान इन सुरंगों का इस्तेमाल जब्त किए गए वाहनों के गोदाम के तौर पर किया गया था।