भारतीय कढ़ाई के आधुनिक डिजाइन व नमुने: कढ़ाई धागे या धागे को लागू करने के लिए सुई का उपयोग करके कपड़े या अन्य सामग्रियों को सजाने का शिल्प है।
कढ़ाई में अन्य सामग्री जैसे मोती, बीड्स, क्विल्स और सेक्विन शामिल हो सकते हैं। आधुनिक दिनों में, कढ़ाई आमतौर पर टोपी, टोपी, कोट, कंबल, ड्रेस शर्ट, डेनिम, कपड़े, मोज़ा और गोल्फ शर्ट पर देखी जाती है। कढ़ाई धागे या धागे के रंग की एक विस्तृत विविधता के साथ उपलब्ध है।
भारतीय कढ़ाई के डिजाइन: शुरुआती कढ़ाई में से कुछ बुनियादी तकनीकें या टाँके चेन सिलाई, बटनहोल या कंबल सिलाई, रनिंग सिलाई, साटन सिलाई, क्रॉस सिलाई हैं। वे टाँके आज भी हाथ की कढ़ाई की मूलभूत तकनीक बने हुए हैं।
भारतीय कढ़ाई के डिजाइन:
कपड़ों को और भी अधिक सुंदर और आकर्षक बनाने के लिए उस पर सूई और रंग बिरंगे धागों से आकृतियाँ बनाकर सजाया जाता है। यह प्रक्रिया कढ़ाई कहलाती है। कढ़ाई में अन्य सामग्री जैसे मोती, शीशे, मनके और सिक्के आदि का भी प्रयोग किया जाता है। भारत के अलग-अलग स्थानों पर भिन्न-भिन्न प्रकार की कढ़ाई शैलियाँ प्रसिद्ध हैं। भारत के हर राज्य और क्षेत्र की अपनी शैली है। कढ़ाई भारतीय परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। भारतीय कढ़ाई शैली में प्राकृतिक परिवेश, धार्मिक शिलालेख, आर्थिक स्थिति आदि का अलंकरण मिलता है। कई प्राचीन कढ़ाई शैलियों को पुनः प्राप्त और लोकप्रिय करने का प्रयास किया जा रहा है। ये कढ़ाई शैलियाँ न केवल भारतीय डिजाइनरों के बीच अपनी स्वीकृति प्राप्त कर रही हैं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत लोकप्रिय हैं।
कई बड़े कपड़ा ब्रांड (Brands) इस कारीगरी को अपने वस्त्रों में जगह देते हैं। उदाहरण के लिए, गुच्ची (Gucci), वैलेंटिनो (Valentino), मैसन मार्जिएला (Maison Margiela), क्रिश्चियन डायर (Christian Dior) जैसे ब्रांड मुंबई स्थित कढ़ाई फर्म चाणक्य के साथ और रॉबर्टो कैवल्ली (Roberto Cavalli), सल्वाटोर फेरागामो (Salvatore Ferragamo), वर्साचे (Versace), माइकल कोर्स (Michael Kors) जैसे ब्रांड मुंबई की एक अन्य कढ़ाई फर्म आदित्य डिज़ाइन्स के साथ साझेदारी में हैं।