अग्नि पुराण में उल्लेख मिलता है कि जब वृत्रासुर को मारने के लिए महर्षि दधीचि की हड्डियों से अस्त्र का निर्माण किया गया तो उस समय हड्डियों के छोटे-छोटे कण, जो इधर-उधर बिखरे उनसे रत्न उत्पन्न हुए। पुराणों में यह भी उल्लेख मिलता है कि जब असुरों के भय से देवता लोग समुद्र मंथन में प्राप्त अमृत घट को लेकर भागे और उस समय अमृत के कण पृथ्वी पर जहां-जहां गिरे वे सब रत्नों के रूप में प्रकट हुए।
पौराणिक और धार्मिक मान्यता जो भी हो लेकिन यह सत्य है कि रत्न खनिज पदार्थ हैं, जो हमें पृथ्वी के गर्भ से प्राप्त होते हैं।
ज्योतिष में नव रत्न: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का रंग निश्चित है और तदनुसार प्रत्येक ग्रह के लिए उसी रंग के अनुसार रत्न निर्धारित है।
माणिक सूर्य का, मोती चंद्रमा का, मूंगा मंगल का, पन्ना बुध का, पुखराज बृहस्पति का, हीरा शुक्र का, नीलम शनि का, गोमेद राहु का और लहसुनिया केतु का रत्न है।
माणिक (Ruby)
माणिक्य सूर्य रत्न है, लाल रंग का लाल।
रास जिसे भी आ जाए कर दे मालामाल।
मोती (Pearl)
चंद्र का रत्न मुक्ता, मन हृदय का सार।
मन-मस्तिष्क के रोग मिटावे, गुंजा होवे चार।
मूंगा (Coral)
मंगल का रत्न मूंगा, एक नाम प्रवाल।
रक्त दोष का नाश करे, बजरंगी-सा लाल।
मेष लग्न या राशि का, उत्तम फल यह देत।
मूंगा शुभ माना जाए, सुख सम्पन्नता हेत।।
पन्ना (Emerald)
पन्ने का रंग हरा है, सद्बुद्धि की है जान।
विष व मन को दूर करे, बुद्धि करे बलवान।
मिथुन राशि के वास्ते, पन्ना है अनुकूल।
तेज बढ़े और सुख बढ़े, कभी हिले नहीं चूल।।
कन्या जिसकी राशि है, उसको अमृत जान।
सज्जन प्राणी निज बंधु का, नहीं करते नुक्सान।
पुखराज (Topaz)
पीतमणि पुखराज है, देवगुरु की जान।
संभव हो तो सोने में पहने श्रीमान।।
मीन राशि वाले इसे पहनें तर्जनी बीच।
राज्य भाव में सुख मिले, पांव धंसे नहीं बीच।।
यदि बालिका की शादी में, पड़ता हो अवरोध।
ज्योर्तिवद् तय करते हैं, पीतमणि पर शोध।।
हीरा (Diamond)
दैत्य गुरु का रत्न है, हीरा जिसका नाम।
पारखी ही जान सके, भृगु रत्न का दाम।।
वृष और तुला का जातक, हीरे से सुख पाय।
किन्तु पीतमणि के संग, कभी न पहना जाए।
नीलम (Sapphire)
शनि देव का रत्न नीलम, तेज बहुत प्रभाव।
अकस्मात् ही हानि कर दे, अकस्मात ही लाभ।।
मकर-कुंभ के जातक को, नीलम है अनुकूल।
बिगड़े कारज सुधरेंगे, बिछे राह में फूल।।
गोमेद (Onyx)
गोमेद में राहु रत्न, सस्ता पर तेज।
प्रभु भक्ति करने वाला, करे इससे परहेज।
राजनीति या सट्टाबाजी, जिसका हो व्यवसाय
ऐसा जातक छ: रत्ती का गोमेदक अपनाय।।
लहसुनिया (Cat’s-eye)
रत्न लहसुनिया केतु का, ज्यों बिल्ली की आंख।
घने अंधेरे में जैसे, आंख रही है झांक।।
विजय पताका फहरा दे, रत्न केतु दरवेश।
जिस राशि में बैठा हो सुने उसका संदेश।।
रत्न चयन विधि: राशि के अनुसार रत्न धारण (चंद्र राशि)। लग्नानुसार रत्न धारण। जन्म नक्षत्रानुसार रत्न धारण, सूर्य राशि के अनुसार रत्न धारण। विशोंतरी दशानुसार रत्न धारण। जन्म अंकानुसार रत्न धारण। समयानुसार रत्न धारण।