ज्योतिषशास्त्र के कालपुरुष सिद्धांत अनुसार व्यक्ति की कुण्डली की भाव संख्या 1, 5 व 9 को लक्ष्मी स्थान माना जाता है तथा भाव संख्या 1, 4, 7 व 10 नारायण स्थान माना जाता है। जब व्यक्ति की कुंडली में भाव 1, 4, 5, 7, 9 व 10 में कुछ अनिष्ट ग्रह बैठे हों या इन भावों के स्वामी वेधा स्थान या नीच राशि या कुण्डली में त्रिक भाव में बैठे जाएं तो व्यक्ति लक्ष्मीहीन होकर दुर्भाग्य को पाता है।
वास्तुशास्त्र अनुसार जब किसी व्यक्ति के निवास यां कार्यक्षेत्र का देव स्थान दूषित होता है अर्थात किसी के घर में उत्तर-पूर्व कोण में शौच बना हो, ईशानकोण में सूर्य का प्रकाश न आता हो यां ईशानकोण अत्यधिक भारी हो गया हो। जिस स्थल का उत्तर-पश्चिम कोण बंद हो अर्थात जहां वायु का आवागमन बंद हो। जिस स्थान पर पूर्व व पश्चिम दिशाएं बंद हो व प्रकाश के आवागमन में बाधा आती ऐसे स्थान का स्वामी लक्ष्मीहीन होकर दुर्भाग्य को पाता है। शकुनशास्त्र अनुसार घर में कुछ ऐसे संकेत मिलते हैं जिनसे जाना जाता हे की मां लक्ष्मी छोड़ने वाली हैं आपका बसेरा।
इस लेख के मध्ययम से हम अपने पाठकों को बताते हैं की घर में होने लगे कुछ ऐसा तो समझ जाएं मां लक्ष्मी छोड़ने वाली हैं आपका बसेरा।
- घर से सोने का चोरी हो जाना।
- घर की महिला का बार-बार गर्भपात होना।
- नमकीन प्रदार्थों में काली चींटियों का पड़ जाना।
- बार-बार दूध का उबल कर जमीन पर बह जाना।
- घर में अचानक से घड़ियों का चलते-चलते बंद हो जाना।
- घर की पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा में सीलन आना।
- घर में आए हुए अतिथियों को निराश होकर घर से चले जाना।
- शुभ कार्य में घर आए हुए किन्नरों का घर से रूठ कर चले जाना।
- घर के पालतू पशुओं की बेवजह या समय से पहले मृत्यु हो जाना।
- घर में पड़े हुए कांच या चीनि मिट्टी के बर्तनों का बार-बार तड़क कर टूट जाना।
- टॉइलेट या वाशरूम नियमित साफ करने के बावजूद भी घर में दुर्गंध का फैलना।
- घर में त्यौहार, पर्व या पूजा अनुष्ठान के वक्त आकस्मिक घर की महिलाओं का रजस्वला हो जाना।