शुभ अथवा अशुभ ग्रह के लिए रत्न का चयन कैसे करें: शुभ अथवा अशुभ ग्रह के लिए रत्न का चयन करना हो तो शुभ ग्रह का ही रत्न चयन करना सर्वथा उचित होगा। कारण शुभ ग्रह, रत्न धारण के पश्चात और भी बली होकर शुभत्व में वृद्धि करेगा। यदि शुभ ग्रह किसी कारण से निर्बल है तो उसको बल प्राप्त होगा और अपनी पूरी शक्ति से शुभत्व का प्रदर्शन कर पाएगा।
कौन-सी बीमारी के लिए कौन-सा रत्न धारण करें:
- जिगर की बीमारी, पीलिया – पुखराज
- उल्टी, बुखार – लहसुनिया
- दमा, क्षय रोग, खांसी – सफेद मोती
- दिल की बीमारी – माणिक, पन्ना या हीरा
- गुर्दे की बीमारी – पन्ना- रॉक क्रिस्टल
- पैर की बीमारी – पन्ना
- त्वचा पर कोढ़ -गोमेद
- माइग्रेन, सिरदर्द – स्टार सफायर या जैड
- दांत की बीमारी – मूंगा, लीपिज, लाजुली
- कान, नाक, गला – पुखराज, सफेद मूंगा
- मूत्र संबंधित रोग – मोती, हीरा, पन्ना, पुखराज, मूंगा
- खून संबंधित बीमारी – नीलम, पन्ना, माणिक
- नींद न आना – मोती, चंद्रमणि, पुखराज
- अपचन – गारनेट, स्टार रूबी, माणिक
- तनाव, खिंचाव – मोती, मूनस्टोन
- फेफड़े स्नायु रोग – पन्ना जेडे
- जख्म नासूर – नीलम, कटैला
- गर्भपात रोकने के लिए – मूंगा
- कब्ज – मूंगा
- आंख – पन्ना