मंगल अब नहीं करेगा विवाह अमंगल

मंगल अब नहीं करेगा विवाह अमंगल

सनातन संस्कृति के अनुसार विवाह एक संस्कार है तथा विवाह के लिए लड़के-लड़की का उत्तम लक्षणों से युक्त होना शुभ माना गया है परंतु ज्योतिष शास्त्रानुसार विवाह हेतु वर-वधु का कई घटकों पर खरा उतरना भी आवश्यक है। विवाह संबंध जोड़ने से पूर्व वर-वधु का कुल, गोत्र, विद्या, स्वास्थ, आयु आदि गुणों की परीक्षा के बाद ही संबंध तय किया जाता हैं, ठीक इसी प्रकार ज्योतिष आधारित कुंडली गुण मिलान भी किया जाता है। ग्रहों-नक्षत्रों की विशेष स्थितियों के कारण कुछ दुर्योग निर्मित होते हैं जो जातक की कुंडली में दृष्टि गोचर होते हैं, विशेष रूप से मंगल ग्रह द्वारा निर्मित होने वाले दुर्योग जातक के शादीशुदा जीवन को प्रभावित करते हैं।

किसी जातक का मांगलिक होने का अर्थ है कि उसकी कुण्डली में मंगल अपनी प्रभावी स्थिति में है। विवाह हेतु मंगल को जिन स्थानों पर देखा जाता है, वो कुंडली का भाव संख्या 1, 4, 7, 8 व 12। मांगलिक व्यक्ति देखने में कठोर निर्णय लेने वाला, कठोर वचन बोलने वाला, लगातार काम करने वाला, विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित होने वाला होता है। आजकल लोग मंगल दोष के कारण विवाह जैसा मांगलिक अवसर को खो देते है। परन्तु कई योग ऐसे हैं जिनकी वजह से मांगलिक दोष का परिहार हो जाता है। अत: मांगलिक दोष के कारण शुभ अवसरों को खोना नहीं चाहिए। अगर कुण्डली में मंगल दोष का निवारण ग्रहों के मेल से नहीं होता है तो भी इसका उपचार हनुमान जी के माध्यम से संभव है।

शास्त्रानुसार मंगलदेव व हनुमानजी दोनों के जनक स्वयं महादेव शंकर हैं। मंगलदेव व हनुमानजी दोनों को रुद्रावतार माना जाता है। मत्स्यपुराण अनुसार प्रजापति दक्ष के विनाश हेतु कुपित हुए महादेव के ललाट से लालरंग के पसीने की एक बूंद पृथ्वी पर गिरी। जिससे वीरभ्रद का जन्म हुआ। दक्ष यज्ञ का विनाश करके वीरभ्रद पुनः शिव के सम्मुख उपस्थित हुआ। शिवजी ने प्रसन्न होकर उसे मंगल ग्रह का रूप प्रदान किया। अतः मंगल देव व हनुमान जी दोनों एक दुसरे के पूरक हैं। हनुमान जी व मंगल देव के पूजा से विवाह संबंधी समस्याओं से निजात मिलता है। अगर मंगल ग्रह आपके जीवन में वैवाहिक समस्या खड़ी करता है और आप इस समस्या से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं तो मंगलवार को हनुमान जी को चोला के साथ चमेली का तेल, सिंदूर और चने के साथ सूरजमूखी के फूल चढ़ाएं।

शास्त्रानुसार मंगलवार के दिन हनुमानजी व मंगलदेव की उपासना में कुछ विशेष मंत्र और उपाय सफलता की ऐसी ही कामना को पूरा करने वाले माने गए हैं। मंगलवार को पूर्ण पवित्रता के साथ हनुमान मंदिर में श्री हनुमान को मंगल ग्रह का वैदिक मंत्र बोलते हुए सिंदूर व घी के लेप से चोला चढएं, लाल फूल, यज्ञोपवीत के साथ गुड़ के लड्डू का भोग लगाएं। इसके बाद श्री हनुमान को गुग्गल धूप व चमेली के तेल का दीप जलाकर आरती करें। तत्पश्चात गुड़, तांबे का बर्तन, मसूर दाल, लाल चंदन या वस्त्र का दान गरीबों को करें।

वैदिक मंत्र: ॐ अग्निमूर्धा दिवः ककुत्पतिः पृथि व्यांऽअयम्‌। अपागंद्भ रेतागंद्भसि जिन्वति॥

~ आचार्य कमल नंदलाल [kamal.nandlal@gmail.com]

About Aacharya Kamal Nandlal

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