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रहीम के दोहे

‘रहिमन’ धागा प्रेम को‚ मत तोड़ो चटकाय टूटे से फिर ना मिले‚ मिले गांठ पड़ जाय। रहीम कहते हैं कि प्रेम का धागा न तोड़ो। टूटने पर फिर नहीं जुड़ेगा और जुड़ेगा तो गांठ पड़ जाएगी। गही सरनागति राम की‚ भवसागर की नाव ‘रहिमन’ जगत–उधार को‚ और न कोऊ उपाय राम नाम की नाव ही भवसागर से पार लगाती है। …

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फूले फूल बबूल – नरेश सक्सेना

फूले फूल बबूल कौन सुख‚ अनफूले कचनार। वही शाम पीले पत्तों की गुमसुम और उदास वही रोज का मन का कुछ — खो जाने का अहसास टाँग रही है मन को एक नुकीले खालीपन से बहुत दूर चिड़ियों की कोई उड़ती हुई कतार। फूले फूल बबूल कौन सुख‚ अनफूले कचनार। जाने कैसी–कैसी बातें सुना रहे सन्नाटे सुन कर सचमुच अंग–अंग …

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प्रभाती – रघुवीर सहाय

आया प्रभात चंदा जग से कर चुका बात गिन गिन जिनको थी कटी किसी की दीर्घ रात अनगिन किरणों की भीड़ भाड़ से भूल गये पथ‚ और खो गये वे तारे। अब स्वप्नलोक के वे अविकल शीतल अशोक पल जो अब तक वे फैल फैल कर रहे रोक गतिवान समय की तेज़ चाल अपने जीवन की क्षण–भंगुरता से हारे। जागे …

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प्रेम–पगी कविता – आशुतोष द्विवेदी

दिन में बन सूर्यमुखी निकली‚ कभी रात में रात की रानी हुई। पल में तितली‚ पल में बिजली‚ पल में कोई गूढ़ कहानी हुई। तेरे गीत नये‚ तेरी प्रीत नयी‚ जग की हर रीत पुरानी हुई। तेरी बानी के पानी का सानी नहीं‚ ये जवानी बड़ी अभिमानी हुई। तुम गंध बनी‚ मकरंद बनी‚ तुम चंदन वृक्ष की डाल बनी। अलि …

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अपने अधिकारोँ का उपयोग लोकहित मेँ करेँ-Use Your Rights Properly

अपने अधिकारोँ का उपयोग लोकहित मेँ करेँ-Use Your Rights Properly

अपने अधिकारोँ का उपयोग लोकहित मेँ करेँ-Use Your Rights Properly एक अत्यंत निर्दई और क्रूर राजा था| दूसरोँ को पीड़ा देने मेँ उसे आनंद आता था| उसका आदेश था कि उसके राज्य मेँ एक अथवा दो आदमियों को फांसी लगनी ही चाहिए| उसके इस व्यवहार से प्रजा बहुत दुखी हो गई थी| एक दिन उस राजा के राज्य के कुछ …

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पुण्य फलिभूत हुआ – अमरनाथ श्रीवास्तव

पुण्य फलिभूत हुआ कल्प है नया सोने की जीभ मिली स्वाद तो गया छाया के आदी हैं गमलों के पौधे जीवन के मंत्र हुए सुलह और सौदे अपनी जड़ भूल गई द्वार की जया हवा और पानी का अनुकूलन इतना बंद खिड़किया बाहर की सोचें कितना अपनी सुविधा से है आँख में दया मंजिल दर मंजिल है एक ज़हर धीमा …

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पुरुस्कार – शकुंतला कालरा

गीतों का सम्मेलन होगा, तुम सबको यह बात बतानी, अकड़–अकड़ कर मेंढक बोले, तुम भी चलना कोयल रानी। मीकू बंदर, चीकू मेंढक मोती कुत्ता, गए बुलाए जाकर बैठ गए कुर्सी पर, वे निर्णायक बन कर आए। आए पंछी दूर–दूर से बोली उनकी प्यारी–प्यारी, रंगमंच पर सब जा बैठे, गाया सबने बारी–बारी। चहक–चहक कर बुलबुल आई, गाया उसने हौले–हौले कैसा जादू …

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राख – कैफ़ी आज़मी

जाने क्या ढूंढती रहती हैं ये आँखें मुझमें राख के ढेर में शोला है न चिंगारी है अब न वो प्यार न उस प्यार की यादें बाकी आग यूँ दिल में लगी कुछ न रहा कुछ न बचा जिसकी तस्वीर निगाहों में लिये बैठी हो मैं वो दिलदार नहीं उसकी हूँ खामोश चिता जाने क्या ढूंढती रहती हैं ये आँखें …

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बेल पत्र के औषधीय प्रयोग-Medicinal properties of Bilva (Aegle Marmelos)

बेल पत्र के औषधीय प्रयोग-Medicinal properties of Bilva (Aegle Marmelos)

बेल पत्र के औषधीय प्रयोग-Medicinal properties of Bilva (Aegle Marmelos) बिल्व, बेल या बेलपत्थर, भारत में होने वाला एक फल का पेड़ है। इसे रोगों को नष्ट करने की क्षमता के कारण बेल को बिल्व कहा गया है। इसके अन्य नाम हैं-शाण्डिल्रू (पीड़ा निवारक), श्री फल, सदाफल इत्यादि। इसका गूदा या मज्जा बल्वकर्कटी कहलाता है तथा सूखा गूदा बेलगिरी। बेल …

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रंजिश ही सही – अहमद फ़राज़

रंजिश ही सही, दिल ही दुखाने के लिये आ आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिये आ कुछ तो मेरे पिंदारे–मुहब्बत का भरम रख तू भी तो कभी मुझको मनाने के लिये आ पहले से मिरासिम न सही फिर भी कभी तो रस्मो–रहे–दुनियाँ ही निभाने के लिये आ किस–किस को बतााएंगे जुदाई का सबब हम तू मुझसे खफ़ा …

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