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मुक्ति का उपाय – पौराणिक ज्ञानवर्धक कथा

मुक्ति का उपाय - पौराणिक ज्ञानवर्धक कथा

पुराण भारतीय संस्कृति की अमूल्य निधि है। पुराणों में मानव जीवन को ऊँचा उठाने वाली अनेक सरल, सरस, सुन्दर और विचित्र-विचित्र कथाएँ भरी पड़ी हैं। उन कथाओं का तात्पर्य राग-द्वेष रहित होकर अपने कर्तव्य का पालन करने और भगवान को प्राप्त करने में ही है। पद्मपुराण के भूमिखण्ड में ऐसी ही एक कथा आती है। अमरकण्टक तीर्थ में सोम शर्मा …

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हे गोबिंद हे गोपाल – जगजीत सिंह

Hey Govinda Hey Gopala

ਮਲਾਰ ਮਹਲਾ ੫ ॥ मलार महला ५ ॥ ਹੇ ਗੋਬਿੰਦ ਹੇ ਗੋਪਾਲ ਹੇ ਦਇਆਲ ਲਾਲ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥ हे गोबिंद हे गोपाल हे दइआल लाल ॥१॥ रहाउ ॥ O Lord of the Universe, O Lord of the World, O Dear Merciful Beloved. ||1||Pause|| ਪ੍ਰਾਨ ਨਾਥ ਅਨਾਥ ਸਖੇ ਦੀਨ ਦਰਦ ਨਿਵਾਰ ॥੧॥ प्रान नाथ अनाथ सखे दीन दरद निवार ॥१॥ You …

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कदम कदम बढ़ाये जा – राम सिंह ठाकुर

कदम कदम बढ़ाये जा - राम सिंह ठाकुर

कदम कदम बढ़ाये जा खुशी के गीत गाये जा, ये जिंदगी है क़ौम की तू क़ौम पे लुटाये जा… तू शेर-ए-हिन्द आगे बढ़ मरने से तू कभी न डर, उड़ा के दुश्मनों का सर जोश-ए-वतन बढ़ाये जा… कदम कदम बढ़ाये जा खुशी के गीत गाये जा, ये जिंदगी है क़ौम की तू क़ौम पे लुटाये जा… हिम्मत तेरी बढ़ती रहे …

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भारत हमको जान से प्यारा है – पी.के. मिश्रा

भारत हमको जान से प्यारा है - पी.के. मिश्रा

भारत हमको जान से प्यारा है सबसे न्यारा गुलिस्ताँ हमारा है सदियों से भारत भूमि दुनिया की शान है भारत माँ की रक्षा में जीवन कुर्बान है भारत हमको जान से प्यारा है… उजड़े नहीं अपना चमन, टूटे नहीं अपना वतन गुमराह ना कर दे कोई, बरबाद ना कर दे कोई मंदिर यहाँ, मस्जिद वहाँ, हिन्दू यहाँ, मुस्लिम यहाँ मिलते …

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वीरमती – वीर मराठा नारी की लोक कथा

वीरमती - वीर मराठा नारी की लोक कथा

देवगिरि नामक एक छोटा – सा राज्य था। चौदहवीं शताब्दी में वहाँ के राजा रामदेव पर अलाउद्दीन ने चढ़ाई की। उसने राजा रामदेव के पास अधीनता स्वीकार करने के लिये संदेस भेजा, किन्तु सच्चे राजपूत पराधीन होने के बदले युद्ध में हँसते – हँसते मर जाना अधिक उत्तम मानते हैं। राजा रामदेव ने अलाउद्दीन को बहुत कड़ा उत्तर दिया। क्रोध …

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How Lord Vithoba came to Pandharpur

How Lord Vithoba came to Pandharpur

It is said that the devotee Pundalik founded Pandharpur. His father Janudeva and mother Satyavati lived in a thick forest called Dandirvan. Pundalik was a devoted son but soon after his marriage he began to ill-treat his parents. To escape from their misery, the parents decided to go on a pilgrimage to Kashi. When Pundalik’s wife learnt about this, she …

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ईमानदारी – स्वतंत्रता दिवस समारोह की कहानी

ईमानदारी - स्वतंत्रता दिवस समारोह की कहानी

विक्की अपने स्कूल में होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह को ले कर बहुत उत्साहित था। वह भी परेड़ में हिस्सा ले रहा था। दूसरे दिन वह एकदम सुबह जग गया लेकिन घर में अजीब सी शांति थी। वह दादी के कमरे में गया, लेकिन वह दिखाई नहीं पड़ी। “माँ, दादीजी कहाँ हैं?” उसने पूछा। “रात को वह बहुत बीमार हो …

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