मनुष हौं‚ तो वही ‘रसखानि’ बसौं बृज गोकुल गांव के ग्वारन जो पसु हौं‚ तो कहां बस मेरौ‚ चरौं नित नंद की धेनु मंझारन पाहन हौं‚ तौ वही गिरि कौ‚ जो धरयो कर छत्र पुरंदर कारन जो खग हौं‚ तौ बसेरो करौं मिलि कालिंदिकूल–कदंब की डारन। या लकुटी अरु कामरिया पर‚ राज तिहूं पुर को तजि डारौं आठहुं सिद्धि नवों …
Read More »मैं सबको आशीश कहूंगा – नरेंद्र दीपक
मेरे पथ पर शूल बिछाकर दूर खड़े मुस्काने वाले दाता ने संबंधी पूछे पहला नाम तुम्हारा लूंगा। आंसू आहें और कराहें ये सब मेरे अपने ही हैं चांदी मेरा मोल लगाए शुभचिंतक ये सपने ही हैं मेरी असफलता की चर्चा घर–घर तक पहुंचाने वाले वरमाला यदि हाथ लगी तो इसका श्रेय तुम्ही को दूंगा। सिर्फ उन्हीं का साथी हूं मैं …
Read More »मैं बल्ब और तू ट्यूब सखी – बाल कृष्ण गर्ग
मैं पीला–पीला सा प्रकाश‚ तू भकाभक्क दिन–सा उजास। मैं आम‚ पीलिया का मरीज़‚ तू गोरी चिट्टी मेम ख़ास। मैं खर–पतवार अवांछित–सा‚ तू पूजा की है दूब सखी! मैं बल्ब और तू ट्यूब सखी! तेरी–मेरी ना समता कुछ‚ तेरे आगे ना जमता कुछ। मैं तो साधारण–सा लट्टू‚ मुझमे ज्यादा ना क्षमता कुछ। तेरी तो दीवानी दुनिया‚ मुझसे सब जाते ऊब सखी। …
Read More »कुटी चली परदेस कमाने – शैलेंद्र सिंह
कुटी चली परदेस कमाने घर के बैल बिकाने चमक दमक में भूल गई है अपने ताने बाने। राड बल्ब के आगे फीके दीपक के उजियारे काट रहे हैं फ़ुटपाथों पर अपने दिन बेचारे। कोलतार सड़कों पर चिड़िया ढूंढ रही है दाने। एक एक रोटी के बदले सौ सौ धक्के खाये किंतु सुबह के भूले पंछी लौट नहीं घर आये। काली …
Read More »काला चश्मा – बरसाने लाल चतुर्वेदी
कारे रंग वारो प्यारी चस्मा हटाई नैकि‚ देखों तेरे नैन‚ नैन अपनी मिलाइकैं। तेरे नैन देखिबे की भौत अभिलाष मोहि‚ सुनिलै अरज मेरी नेकि चित लाइकैं। कमल–से‚ कि मीन–से‚ कि खांजन–से नैन तेरे एक हैं कि दोनो‚ नैकि देखों निहारिकै। भैम भयो रानी कहूं नाहिं ऐंचातानी तू मोकों दिखाइ नैकि चस्मा हटाइकै। ~ बरसाने लाल चतुर्वेदी
Read More »Why is Lord Shiva Worshipped in His Phallic Form?
According to another legend, once Brahma and Vishnu, two other deities of the holy Trinity, had an argument as to their supremacy. Brahma being the Creator declared himself to be more revered, while Vishnu, the Preserver, pronounced that he commanded more respect. Just then a colossal ‘lingam’, known as Jyotirlinga, blanketed in flames, appeared before them. Both Brahma and Vishnu …
Read More »Why Lord Shiva is called ‘Neelkantha’?
Lord Shiva is the supreme God among five important deities of Hindu religion. He is therefore also termed as ‘Mahadev’. People address him by hundreds of names and ‘Neelkanth’ is one of them. According to the religious scriptures, during churning of the milky ocean, the poison or ‘Halahal’ also came out of the ocean which terrified the Gods and Demons. …
Read More »Why Lord Shiva Worship at Night?
Lord Shiva is the deity of destruction and the dark forces. So, the dark night is naturally dear to him. The night is the time of the predators when they set out to enactnightly destruction of life. The dark forces set out to torment the world in the form of ghosts, spirits and shadow. The dark nights of the descending …
Read More »अजीबो-गरीब प्रतियोगिताएं
क्रिकेट और फूटबाल जैसे खेलो की वर्ल्ड चैम्पियनशिप तो समझ में आती है लेकिन कुछ ऐसे भी खेल हैं, जिनके बारे में शायद आप कल्पना भी नहीं कर सकते कि इनकी भी विश्व प्रतियोगिता होती होगी। आइए जानते हैं ऐसी कुछ अजीब प्रतियोगिताओं के बारे में।
Read More »Why are hurricanes given female names?
All hurricanes are given names. Just to help us identify storms and track them as they move across the ocean. Remember, there can be more than one hurricane at a time and without naming them, we could get confused and which storm we’re talking about. For hundreds of years, hurricanes in the West Indies were named after the particular saint’s …
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