Chandigarh Carnival Images: Is a three-day long festival celebrated in November at the Leisure Valley in Sector 10. Various cultural events like dancing, singing, etc. are held. It also includes a mega parade. Pick-up and drop services are provided to senior citizens so that they don’t face any inconvenience while coming for the festival.
Read More »Oh! My God
Oh My God — Amazing Facts: The Universe is an amazing place and there’s a lot of things that we will never know. Here is a collection such facts to improve children’s knowledge base. 182-member Family 123 -year old Malan Devi died in her village, Wazidiwal, six kilometers from Phagwara in Rajasthan (North-western India). She is survived by a 182-member family, which comprises …
Read More »मेहंदी लगाया करो – विष्णु सक्सेना
दूिधया हाथ में, चाँदनी रात में, बैठ कर यूँ न मेंहदी रचाया करो। और सुखाने के करके बहाने से तुम इस तरह चाँद को मत जलाया करो। जब भी तन्हाई में सोचता हूं तुम्हें सच, महकने ये लगता है मेरा बदन, इसलिये गीत मेरे हैं खुशबू भरे तालियों से गवाही ये देता सदन, भूल जाते हैं अपनी हँसी फूल सब …
Read More »माँ से दूर – राहुल उपाध्याय
मैं अपनी माँ से दूर अमरीका में रहता हूँ बहुत खुश हूँ यहाँ, मैं उससे कहता हूँ। हर हफ्ते मैं उसका हाल पूछता हूँ और अपना हाल सुनाता हूँ। सुनो माँ कुछ दिन पहले हम ग्राँड केन्यन गए थे कुछ दिन बाद हम विक्टोरिया–वेन्कूवर जाएंगे दिसंबर में हम केन्कून गए थे और जुन में माउंट रेनियर जाने का विचार है। …
Read More »लोकतंत्र – राजेंद्र तिवारी
योजना उजाले की फेल हो गई। मौसम की साज़िश का हो गया शिकार, लगता है सूरज को जेल हो गई। संसद से आंगन तक, रोज़ बजट घाटे का आसमान छूता है भाव, दाल–आटे का मंहगी तन ढकने की, हो गई लंगोटी भी ख़तरे में दिखती है, चटनी और रोटी भी। सपने, उम्मीदें, सब खुशियां, त्योहार, लील गई महंगाई ‘व्हेल’ हो …
Read More »जीवन का दाँव – राजेंद्र त्रिपाठी
भाग दौड़ रातों दिन थमें नहीं पाँव। दुविधा में हार रहे जीवन का दाँव। हर यात्रा भटकन के नाम हो गई घर दफ्तर दुनियाँ में इस तरह बँटे सूरज कब निकला कब शाम हो गई जान नहीं पाए दिन किस तरह कटे। बेमतलब चिंताएँ बोझ रहीं यार रास्ते में होगी ही धूप कहीं छाँव। अपनी हर सुविधा के तर्क गढ़ …
Read More »जैसे तुम सोच रहे साथी – विनोद श्रीवास्तव
जैसे तुम सोच रहे वैसे आज़ाद नहीं हैं हम। पिंजरे जैसी इस दुनिया में पंछी जैसा ही रहना है भर-पेट मिले दाना-पानी लेकिन मन ही मन दहना है। जैसे तुम सोच रहे साथी वैसे आबाद नहीं है हम। आगे बढ़ने की कोशिश में रिश्ते-नाते सब छूट गए तन को जितना गढ़ना चाहा मन से उतना ही टूट गए। जैसे तुम …
Read More »जहाँ मैं हूँ – बुद्धिसेन शर्मा
अजब दहशत में है डूबा हुआ मंजर, जहाँ मैं हूँ धमाके गूंजने लगते हैं, रह-रहकर, जहाँ मैं हूँ कोई चीखे तो जैसे और बढ़ जाता है सन्नाटा सभी के कान हैं हर आहट पर, जहाँ मैं हूँ खुली हैं खिडकियां फिर भी घुटन महसूस होती है गुजरती है मकानों से हवा बचकर, जहाँ मैं हूँ सियासत जब कभी अंगडाइयाँ लेती …
Read More »Dresses of India Coloring Pages
Dresses of India Coloring Pages: The culture, religion, languages spoken and attire of the people of India are as diverse as the landscape of this vast country. Due to its diversity this cultural hub does not have just one dress, which can be called as the National Dress or Indian Dress. If in northern part we find more of the Muslim …
Read More »एक कण दे दो न मुझको – अंचल
तुम गगन–भेदी शिखर हो मैं मरुस्थल का कगारा फूट पाई पर नहीं मुझमें अभी तक प्राण धारा जलवती होती दिशाएं पा तुम्हारा ही इशारा फूट कर रसदान देते सब तुम्हारा पा सहारा गूँजती जीवन–रसा का एक तृण दे दो न मुझको, एक कण दे दो न मुझको। जो नहीं तुमने दिया अब तक मुझे, मैंने सहा सब प्यास की तपती …
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