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दमा दम मस्त कलंदर – रुना लैला

दमा दम मस्त कलंदर - रुना लैला

ओह हो, ओह हो हो ओ लाल मेरी पट रखियो बल झूले लालन – २ सिन्ध्ड़ी दा सेहवन दा सखी शाबाज़ कलंदर दमा दम मस्त कलंदर, अली दम दम दे अंदर दमा दम मस्त कलंदर, अली दा पहला नंबर ओ लाल मेरी, ओ लाल मेरी चार चराग तेरे बलां हमेशा – ३ पंजवा में बलां आई आन बला झूले लालन …

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चतुर चित्रकार – रामनरेश त्रिपाठी

Clever Painter

चित्रकार सुनसान जगह में बना रहा था चित्र। इतने ही में वहां आ गया यम राजा का मित्र॥ उसे देखकर चित्रकार के तुरंत उड़ गये होश। नदी पहाड़ पेड़ फिर उसको कुछ हिम्मत आई देख उसे चुपचाप। बोला सुन्दर चित्र बना दूं बैठ जाइये आप॥ उकरू मुकरू बैठ गया वह सारे अंग बटोर। बड़े ध्यान से लगा देखने चित्रकार की …

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Facebook will now spot malware on your computers

Facebook will now spot malware on your computers

Social networking giant Facebook has partnered security software firm Kaspersky to help its users detect and clean malware from their computers. ‘Malware’ is an umbrella term used to refer to computer viruses, worms, trojan horses, ransomware, spyware, adware and other malicious programmes. Facebook said for the past year, it has been working with anti-malware companies like ESET, F-Secure and Trend …

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पति पत्नी की नोकझोंक

Husband Wife Messages

पत्नी मायके जाती है और मैसेज भेजती है: “मेरी मोहब्ब्त को अपने दिल में ढूंढ लेना; और हाँ, आटे को अच्छी तरह गूँथ लेना! मिल जाए अगर प्यार तो खोना नहीं; प्याज़ काटते वक्त बिलकुल रोना नहीं! मुझसे रूठ जाने का बहाना अच्छा है; थोड़ी देर और पकाओ आलू अभी कच्चा है! मिलकर फिर खुशियों को बाँटना है; टमाटर जरा …

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बिस्कुट का पेड़

मेरी प्यारी अच्छी नानी, सुनाओ ऐसी एक कहानी। जिसमें हो बिस्कुट का पेड़ हो चॉकलेट टॉफ़ी का ढेर। पापा जब दफ्तर से आएं, खूब खिलौने संग में लाएं। मेरी प्यारी अच्छी नानी, हमें सुनाओ एक कहानी।

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बिल्ली रानी – जितेंद्र कुमार ‘वैद’

कितनी प्यारी, कितनी न्यारी, बिल्ली रानी है अनूठी, चुपके से अंदर यूँ घूस जाती, पता चलने न देती। पैर भी उनके बजते नहीं, दूध खीर पी जाती, कुछ न छोड़ती, सारा चाट कर जाती। मौक़ा मिलते ही बिल्ली रानी अपना पेट भर लेती, घर वाले देखते रह जाते, बिल्ली रानी अपना काम कर लेती, फिर भी सबको प्यारी लगती बिल्ली …

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बन्दर मामा – मनीष पाण्डेय

एक पेड़ पर नदी किनारे, बन्दर मामा रहते थे। वर्षा गर्मी सर्दी उसी पेड़ पर रहते थे। भूख मिटाने को बगिया से चुन चुन फल खाया करते। य़ा छीन झपट बच्चों से ये चीजें ले आया करते। खा पी सेठ हुए मामा जी, झूम झूम इठलाते थे। और नदी के मगर मौसिया देख देख ललचाते थे। सोचा करते अगर कहीं …

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