नाव चली नानी की नाव चली नीना के नानी की नाव चली लम्बे सफ़र पेसामान घर से निकाले गये नानी के घर से निकाले गये इधर से उधर से निकाले गये और नानी की नाव में डाले गये(क्या क्या डाले गये) एक छड़ी, एक घड़ी एक झाड़ू, एक लाडू एक सन्दुक, एक बन्दुक एक तलवार, एक सलवार एक घोड़े की …
Read More »नानी का घर
नानी के घर जाउंगी मैं, चुप-चुप-चुप। वहां पर लड्डू पेड़े खाऊँगी मैं, छुप-छुप-छुप। और अगर आवाज हो गई, नानी जी के कान पड़ गई, और वो बोली कौन है वहां? मैं बोलूंगी चूहा, मैं बोलूंगी चूहा।
Read More »ना धिन धिन्ना – रमेश चन्द्र शाह
ना धिन धिन्ना पढ़ते हैं मुन्ना ता-ता थैया आ जा भैया ता थई ता थई ना भई ना भई धिरकिट धा तू, सिर मत खा तू धिन तक धिना झटपट रीना धा धा धा धा अब क्या होगा धिरकिट धिरकिट गिरगिट! गिरगिट! धा धिना धिना धिना वो देखो दीनू बिना धा धिना नाती नक भैया गया है थक धक – …
Read More »नाच भालू नाच
भालू वाला आया , साथ में भालू लाया। नाच भालू नाच, नाच भालू नाच। भालू वाले ने डुगडुगी बजाई, सुनके ये आवाज बच्चों की भीड़ आयी। सब बच्चों ने मिलकर देखो एक आवाज, नाच भालू नाच, नाच भालू नाच – ४ दोनों हाथ उठा के अरे कमर को मटका के, दोनों हाथ उठा के अरे कमर को मटका के। तू जो अच्छा …
Read More »मेंढक मामा खेल खेलते – श्री प्रसाद
मेंढक मामा खेल खेलते, उछल-उछल कर पानी में। कभी किसी को धक्का देते, होते जब शैतानी में। तभी मेंढकी डांट पिलाती, कहती “माफ़ी माँगो जी”। “धक्का दिया किया ऊधम क्यों? दूर यहाँ से भागो जी।” मेंढक मामा रोने लगते, मिलती उनको माफ़ी तब। उन्हें मेंढकी चुप करने को, तुरंत खिलाती टॉफी तब। ∼ श्री प्रसाद
Read More »पीढ़ियां – सुषम बेदी
एक गंध थी माँ की गोद की एक गंध थी माँ की रचना की एक गंध बीमार बिस्तर पर माँ की झुर्रियों, दवा की शीशियों की टिंचर फिनायल में रपटी सहमी अस्पताल हवा की या डूबे-डूबे या कभी तेज़ कदमों से बढ़ते अतीत हो जाने की एक गंध है माँ के गर्भ में दबी शंकाओं की कली के फूटने और …
Read More »प्रवासी गीत – विनोद तिवारी
चलो, घर चलें, लौट चलें अब उस धरती पर; जहाँ अभी तक बाट तक रही ज्योतिहीन गीले नयनों से (जिनमें हैं भविष्य के सपने कल के ही बीते सपनों से), आँचल में मातृत्व समेटे, माँ की क्षीण, टूटती काया। वृद्ध पिता भी थका पराजित किन्तु प्रवासी पुत्र न आया। साँसें भी बोझिल लगती हैं उस बूढ़ी दुर्बल छाती पर। चलो, …
Read More »पक्षी होते प्यारे सारी दुनिया माने
पक्षी होते प्यारे सारी दुनिया माने, आओ बच्चों हम भी इनको जानें। तोता-मैना सबकी बोलें, उल्लू न दिन में आँखें खोले। उड़ने में है तीतर कमजोर, झपटने में नहीं चील सा और। भाईचारे का सतबहिनी में नाता, पक्षियों का शिकारी बाज कहाता। कोयल है सबसे सुन्दर है गाती, गौरैया कौए से ढीठ है कहाती। कबूतर है सबसे भोला-भाला, भुजंगा सबकी …
Read More »Why scratching an itch is so rewarding!
Areas of the brain involved in motor control and reward processing light up more in chronic itch patients when they scratch, according to a new study which may explain why scratching evokes a pleasurable sensation. Researchers in the Department of Dermatology and Temple Itch Center at Temple University School of Medicine (TUSM) used advanced functional magnetic resonance imaging to look …
Read More »Khawaja Moinuddin Chishti Gharib Nawaz Dargah Ajmer Images
Khawaja Moinuddin Chishti Gharib Nawaz Dargah Ajmer Images: Dargah Sharif or Ajmer Sharif is a sufi shrine of sufi saint, Moinuddin Chishti located at Ajmer, Rajasthan, India. The shrine has the grave (Maqbara) of the revered saint, Moinuddin Chisti. The main gate to the shrine is the Nizam Gate, followed by the Shahjahani Gate, erected by the Mughal emperor Shah Jahan. …
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