बैठ फूल पर सुन्दर तितली, हंसकर मुझसे यूँ बोली। फूल न तोड़ो, मुझे न छेड़ो। छेड़ोगे तो उड़ जाऊँगी, पास कभी न आऊँगी।
Read More »ठहर जाओ – रामेश्वर शुक्ल ‘अंचल’
ठहर जाओ, घड़ी भर और तुमको देख लें आँखें। अभी कुछ देर मेरे कान में गूंजे तुम्हारा स्वर बहे प्रतिरोग में मेरे सरस उल्लास का निर्झर, बुझे दिल का दिया शायद किरण-सा खिल ऊठे जलकर ठहर जाओ, घड़ी भर और तुमको देख लें आँखें। तुम्हारे रूप का सित आवरण कितना मुझे शीतल तुम्हारे कंठ की मृदु बंसरी जलधार सी चंचल तुम्हारे चितवनों …
Read More »उपवन – गोविन्द भारद्वाज
फूल खिलें हैं उपवन में, रंग – बिरंगे मधुबन में। छवि फूलों की न्यारी है, महकी क्यारी – क्यारी है। भँवरे – तितली डोले हैं, चुपके – चुपके बोले हैं। मखमल जैसी दूब लगे, प्यारी लेटी धुप लगे। महक बसी है धड़कन में, फूल खिलें हैं उपवन में। ∼ गोविन्द भारद्वाज
Read More »सरफ़रोशी की तमन्ना – राम प्रसाद बिस्मिल
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है? वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आस्माँ! हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है? एक से करता नहीं क्यों दूसरा कुछ बातचीत, देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफ़िल में है। रहबरे-राहे-मुहब्बत! रह न जाना राह में, लज्जते-सेहरा-नवर्दी दूरि-ए-मंजिल में …
Read More »प्यारे बापू – आदित्य चोटिया
राष्ट्रपिता तुम कहलाते हो, सभी प्यार से कहते बापू। तुमने हम सबको मार्ग दिखाया, सत्य अहिंसा का पाठ पढ़ाया। हम सब तेरी संतानें हैं, तुम हो हमारे प्यारे बापू। सीधा – सादा वेश तुम्हारा, नहीं कोई अभिमान। खादी की एक धोती पहने, वाह रे बापू तेरी शान। एक लाठी के दम पर तुमने, अंग्रेजों की जड़ें हिलाई। भारत माँ को आज़ाद कराया, …
Read More »रेलगाड़ी रेलगाड़ी छुक छुक छुक छुक – हरिंद्रनाथ चट्टोपाध्याय
आओ बच्चों रेल दिखायें छुक छुक करती रेल चलायें सीटी देकर सीट पे बैठो एक दूजे की पीठ पे बैठो आगे पीछे, पीछे आगे लाइन से लेकिन कोई न भागे सारे सीधी लाइन में चलना आंखे दोनों नीची रखना बंद आंखों से देखा जाए आंख खुली तो कुछ न पाए आओ बच्चों रेल चलायें सुनो रे बच्चों, टिकट कटाओ तुम …
Read More »प्यारे बच्चे – गोविन्द भारद्वाज
नन्हे-नन्हे प्यारे बच्चे, एक जैसे हैं सारे बच्चे। मुखड़े-सबके हैं भोले-भाले, देश के बच्चे बड़े मतवाले। न्यारे जग में प्यारे बच्चे, नन्हे-नन्हे प्यारे बच्चे॥ पौधे हैं ये फुलवारी के, रंग-बिरंगी सब क्यारी के। आँखों के सब तारे बच्चे, नन्हे-नन्हे प्यारे बच्चे॥ एक राह के ये सब राही, भारत वतन के हैं सिपाही। सुन्दर हैं इकसारे बच्चे, नन्हे-नन्हे प्यारे बच्चे॥ ∼ …
Read More »श्री सरस्वती स्तोत्रम्
या कुन्देन्दुतुषारहार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वंदिता सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥1॥ शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमा माद्या जगद्व्यापिनीं वीणापुस्तकधारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम् हस्ते स्फाटिकमालिकां च दधतीं पद्मासने संस्थितां वंदे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम् ॥2॥ वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। इस दिन मां सरस्वती का पूजन-अर्चन करने के साथ-साथ श्री सरस्वती …
Read More »श्री सरस्वती चालीसा
॥दोहा॥ जनक जननि पद्मरज, निज मस्तक पर धरि। बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि॥ पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु। दुष्जनों के पाप को, मातु तु ही अब हन्तु॥ जय श्री सकल बुद्धि बलरासी। जय सर्वज्ञ अमर अविनाशी॥ जय जय जय वीणाकर धारी। करती सदा सुहंस सवारी॥ रूप चतुर्भुज धारी माता। सकल विश्व अन्दर विख्याता॥ जग में …
Read More »पानी बरसा छम छम छम
पानी बरसा, छम छम छम, छाता लेकर, निकले हम। पैर फिसल गया, गिर गए हम, नीचे छाता, ऊपर हम।
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