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आसान रास्ते – विक्रम मुरारक

आसान रास्ते कोई और चुने उनपर कोई और चले। मुझे चाहिए वह रास्ता जिसमें कांटें हों, कंकर और पत्थर हों जो भयानक जंगलो से गुजरे उस पार कोई ऐसा सूरज है कोई ऐसी दुनिया है जो किसी ने नहीं देखी है। शायद मै मर जाऊं, घायल होकर गिर जाऊं! तो क्या? ∼ विक्रम मुरारक

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आरती श्री सत्यनारायण जी की

जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा । सत्यनारायण स्वामी, जन-पातक-हरणा ॥ जय लक्ष्मी… ॥ रत्न जड़ित सिंहासन, अद्भुत छवि राजे । नारद करत नीराजन, घंटा वन बाजे ॥ जय लक्ष्मी… ॥ प्रकट भए कलिकारन, द्विज को दरस दियो । बूढ़ो ब्राह्मण बनकर, कंचन महल कियो ॥ जय लक्ष्मी… ॥ दुर्बल भील कठारो, जिन पर कृपा करी । चंद्रचूड़ इक …

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जब आपका बच्चा आक्रामक होने लगे

जब आपका बच्चा आक्रामक होने लगे

आपका बच्चा बाहर से लौटा है, सूजी और काली पड़ी आँख के साथ, मुहं में रेत गयी है या खींचातानी में शर्ट फटी है और मुहं पर खरोच के निशान हैं तो थोड़ा सतर्क हो जाएँ। ध्यान दें कि बच्चा अपने हम -उम्र बच्चों के बीच दादागिरी तो नहीं करने लगा है। ऐसे में आवश्यकता है बच्चे कि निगरानी करने …

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आँगन की रौनक – प्रीती गांधी

बच्चो, घर कब आओगे? सूनी बगिया कब महकाओगे? आँगन की रौनक कब लौटाओगे? कानो में हमारे, अब भी गूंजतीं है वह किलकारियां तुम्हारी, वह मीठी बातें और हंसी प्यारी! वह तस्वीरें तुम्हारी कर जाती है ताजा फिर यादें पुरानी! ऐसा लगता है, बस कल ही की बात हो जब तुमने अपना पहला शब्द पुकारा था, पहली मुस्कान बिखराई और पहला …

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अपना घर

आओ तुमको दिखलाता हूँ, एक जगह मै ऐसे। नहीं दूसरी दुनिया में, कोई भी उसके जैसी। यह हैं मेरे मम्मी-पापा यह है मेरा भैया। नाच रही वो छोटी बहना, करके ता-ता थैया। यह सारी दुनिया अच्छी है, अच्छे हैं सब गॉव-शहर। लेकिन सबसे प्यारा लगता, सबको अपना-अपना घर।

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बच्चों से न बोलें कड़वे बोल

बच्चों से न बोलें कड़वे बोल

हर माता-पिता के लिए अपने बच्चे को संभालना और उनकी परवरिश अच्छे ढंग से करना बेहद कठिन कार्य होता हैं क्योंकि हर माता-पिता यही सोचते हैं कि उनके बच्चे की परवरिश अच्छे ढंग से की जाएं और उसमें कोई भी कमी न रह जाएं। माता-पिता होने की जिम्मेदारी निभाना बेहद कठिन कार्य होता हैं, मनुष्य का स्वभाव ही एेसा होता …

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आलू बोला

आलू बोला मुझको खा लो, मैं तुमको मोटा कर दूंगा। पालक बोली मुझको खा लो, मैं तुमको ताक़त दे दूंगी। गोभी, मटर, टमाटर बोले, अगर हमें भी खाओगे, खूब बड़े हो जाओगे।

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Why is karate a Japanese martial art in spite of its Indian origin?

Like most martial arts, can trace its origin to Bodhidharma. He is known as “Daruma” in Japan and as often as not, this Indian Buddhist monk is cited as the prime source for all martial arts styles or at the very least, for any style which traces its roots back to the fabled Shaolin Temple. However, the question of his …

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