ज्योतिषशास्त्र के कालपुरुष सिद्धांत अनुसार व्यक्ति की कुण्डली की भाव संख्या 1, 5 व 9 को लक्ष्मी स्थान माना जाता है तथा भाव संख्या 1, 4, 7 व 10 नारायण स्थान माना जाता है। जब व्यक्ति की कुंडली में भाव 1, 4, 5, 7, 9 व 10 में कुछ अनिष्ट ग्रह बैठे हों या इन भावों के स्वामी वेधा स्थान …
Read More »गणेश चतुर्थी अर्थात कलंक चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन मना है
शास्त्रनुसार गणेश चतुर्थी अर्थात कलंक चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन निषेध माना गया हैं। इस दिन चंद्र दर्शन करने से व्यक्ति को एक साल तक मिथ्या कलंक लगता हैं। भगवान श्री कृष्ण को भी चंद्र दर्शन का मिथ्या कलंक लगने के प्रमाण हमारे शास्त्रों में विस्तार से वर्णित हैं। यदि भूल से भी चौथ का चंद्रमा दिख जाय तो ‘श्रीमद् …
Read More »समझ जाएं शनिदेव व लक्ष्मी हैं आप पर मेहरबान
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार धन वैभव और सुख के लिए जन्मकुंडली में मौजूद धनदायक योग महत्वपूर्ण होता हैं। जन्मकुंडली एवं चंद्र कुंडली में विशेष धन योग तब बनते हैं जब लग्न व चंद्र कुंडली में धनेश एकादश भाव में हो व लाभेश दूसरे भाव में स्थित हो अथवा धनेश व लाभेश एक साथ होकर भगेश द्वारा दृष्ट हो तो व्यक्ति धनवान …
Read More »पीतल के बर्तनो का इस्तेमाल करें – जीवन सुधर जायेगा
पीतल अर्थात ब्रास एक मिश्रित धातु है। पीतल का निर्माण तांबा व जस्ता धातुओं के मिश्रण से बनाया जाता है। पीतल शब्द “पीत” से बना है तथा संस्कृत में ‘पीत’ का अर्थ ‘पीला’ होता है तथा धार्मिक दृष्टि से पीला रंग भागवान विष्णु को संबोधित करता है। सनातन धर्म में पूजा-पाठ व धार्मिक कर्म हेतु पीतल के बर्तन का ही …
Read More »घर के झाड़ू और लक्ष्मी का रिश्ता
शास्त्रानुसार झाड़ू को महालक्ष्मी का सूचक माना गया है। झाड़ू से अलक्ष्मी के रूप में दरिद्रता रूपी गंदगी को बाहर निकाला जाता है। जिन घरों के कोने-कोने में भी सफाई रहती है, वहां का वातावरण सकारात्मक रहता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार झाड़ू और लक्ष्मी का गहरा रिश्ता बताया गया है। सही प्रकार से झाड़ू लगाने से घर के कई …
Read More »गौमूत्र और उसके फायदे
सनातन धर्म के अनुसार गाय में 33 कोटि के देवी-देवता निवास करते हैं अर्थात गाय में 33 प्रकार के देवता निवास करते हैं। ये देवता हैं- 12 आदित्य, 8 वसु, 11 रुद्र और 2 अश्विन कुमार। ये मिलकर कुल 33 होते हैं। इसी कारण दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा पर गायों की विशेष पूजा की जाती है। मूलतः हर …
Read More »गंगा दशहरा और गंगा मंत्र
शास्त्रानुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ला पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा कहते हैं। स्कन्द पुराण के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ला दशमी संवत्सरमुखी मानी गई है इसमें स्नान व दान का विशेष महत्व है। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष, दशमी को देवी गंगा का पृथ्वी पर अवतरण का दिन माना जाता है। सनातन धर्म में गंगा को सर्वाधिक पवित्र नदी माना जाता है। …
Read More »जन्मकुंडली में शनि ग्रह और उसका अशुभ प्रभाव
शनिदेव की कृपा पाने के लिए शास्त्रों में बहुत से उपाय बताए गए हैं। जिन्हें अपनाकर शनि को प्रसन्न करने का प्रयास किया जाता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शनिवार को शनिदेव की आराधना करने से विशेष लाभ मिलता है। ग्रहों में न्यायाधीश का पद शनिदेव को प्राप्त है। वह ताकत एवं ऊंचे पद का दुरुपयोग व बुरे कर्म करने वालों …
Read More »मंगल अब नहीं करेगा विवाह अमंगल
सनातन संस्कृति के अनुसार विवाह एक संस्कार है तथा विवाह के लिए लड़के-लड़की का उत्तम लक्षणों से युक्त होना शुभ माना गया है परंतु ज्योतिष शास्त्रानुसार विवाह हेतु वर-वधु का कई घटकों पर खरा उतरना भी आवश्यक है। विवाह संबंध जोड़ने से पूर्व वर-वधु का कुल, गोत्र, विद्या, स्वास्थ, आयु आदि गुणों की परीक्षा के बाद ही संबंध तय किया …
Read More »कोषाध्यक्ष कुबेर जी का मंत्र
धन, सुख और समृद्धि को पाने के लिए धर्म शास्त्रों में बहुत से उपाय बताए गए हैं। जिन्हें करने से मनचाही इच्छाएं पूर्ण की जा सकती हैं। उन्हीं में से एक उपाय है अपने घर में कुबेर जी का स्वरूप अथवा चित्र लगाएं। कुबेर देव का स्वरूप अथवा चित्र उत्तर दिशा में लगाएं लेकिन उस से पूर्व वहां की साफ-सफाई …
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