रमजान और रोजे: रमजान में रात को ईशा की नमाज के बाद एक अतिरिक्त नमाज पढ़ी जाती है, जिसे तरावीह कहते हैं। तरावीह में इमाम साहब कुरआन सुनाते हैं तथा शेष लोग चुपचाप इस किराअत को सुनते हैं। रमजान और रोजे: रमजान के महीने में ‘एतिकाफ’ भी एक महत्वपूर्ण इबादत है। ‘एतिकाफ’ से अभिप्राय है कि इंसान कुछ अवधि के …
Read More »रोजेदार करें हर बुराई से परहेज
रोजेदार की अपनी भूख-प्यास जहां उसमें ईशपरायणता, आत्मनियंत्रण, अल्लाह के आज्ञा-पालन और धैर्य के गुण पैदा करने का जरिया बनती है वहीं रोजोदार को इंसानों पर भूख-प्यास और दुख-दर्द में जो कुछ बीतती है उसका आस्वादन भी कराती है। इस निजी अनुभव से उसके भीतर सहानुभूति की जीवंत भावना पैदा हो जाती है। यद्यपि रमजान के महीने में रोजे रखना …
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