बदलाव -आपसी ईर्ष्या पर डा. दर्शन सिंह ‘आशट’ की हिंदी बाल कहानी: गप्पू की आयु तीन वर्ष की थी। एक दिन उसकी मम्मी उसे बाजार ले गईं। शोरूम खिलौनों से भरपूर था। इतने खिलौने? गप्पू दंग हो रहा था। गप्पू एक चाबी वाली बार्बी गुड़िया पसंद आ गई जिसकी आंखें भूरी थीं। कद लम्बा था और बाल भी भूरे थे। …
Read More »ईनाम: मुसीबत में सच्चा दोस्त ही साथ देता है – शिक्षाप्रद हिंदी बाल कहानी
ईनाम – शिक्षाप्रद हिंदी बाल कहानी – एक भाषण प्रतियोगिता जीतने के लिए दो सहपाठियों में प्रतिद्वंद्विता… राजू और अमन सहपाठी थे। दोनों ने ही इस वर्ष होने वाली भाषण प्रतियोगिता में भाग लेना था। अमन अच्छी-खासी तैयारी कर रहा था। राजू सोचने लगा, “लगता है इस वर्ष भी भाषण प्रतियोगिता में यहा प्रथम आएगा। कुछ करना पड़ेगा। राजू का …
Read More »होली का असली आनंद: झुग्गी झोपड़ी के रहने वाले बच्चों के साथ मनाई होली
कल होली का त्यौहार आने वाला था। चौथी कक्षा में पढ़ता राहुल सोच रहा था, “इस बार मनु के साथ ऐसी होली खेलूंगा कि वह याद रखेगा – गोबर होली”। न जाने वह मोबाइल पर किस-किस दोस्त के साथ कैसे-कैसे होली खेलने की योजनाएं बना रहा था। मम्मी को उसकी शरारत भर योजना का पता चल चुका था। राहुल को …
Read More »जिम्मेदारी किसकी: छात्रों और बच्चों के लिए स्वच्छता पर शिक्षाप्रद बाल-कहानी
जिम्मेदारी किसकी: बबलू बेहद लाडला था। अब वह पांच वर्ष का हो गया था। स्कूल से उसे डर लगता था। मम्मी उसे कभी चॉकलेट, कभी टॉफियां देकर मानती लेकिन बबलू स्कूल जाने से पहले ही चॉकलेट और टॉफियां चट कर जाता। स्कूल में प्रवेश करते ही उसे पता चल जाता कि मम्मी अब उसे छोड़कर घर चली जाएंगी। दूसरी कक्षा …
Read More »अपना हाथ जगन्नाथ: दर्शन सिंह आशट की शिक्षाप्रद बाल कहानी
अपना हाथ जगन्नाथ: बल्लू के पास काफी जमीन-जायदाद थी लेकिन काम करने से वह मन चुराता था। अक्सर गलियों में डंडे बजाता नजर आता। वास्तव में यह सारी जमीन जायदाद उसके पिता और दादा ने अपनी कड़ी मेहनत से बनाई थी। उनकी मौत के पश्चात अब वह उस जायदाद को कौडियों के भाव बेचने लगा। नतीजा यह निकला कि नौकरों-चाकरों …
Read More »असलियत: घरवालों से झूठ बोलकर ठंड में ठिठुरते बच्चे की मदद की कहानी
असलियत: समनीत अब सातवीं कक्षा में थी। उसके पिताजी रिक्शा चालक थे। एक सुबह समनीत स्कूल के गेट पर पहुंची तो उसने वहां एक छोटे से लड़के को देखा। उसकी एक बाजू नहीं थी। वह कुछ सामान बेच रहा था। उसके पास गुब्बारे, पैंसिलें, रबड़ें, कुछ कापियां और कुछ छोटे-छोटे खिलौने भी थे। उसने वी शेप की अपनी पुरानी सी …
Read More »संकल्प: हिंदुस्तान के सैनिक की बहादुर बेटी के दृड़ निश्चय पर शिक्षाप्रद कहानी
संकल्प: नेहा की आयु 5 वर्ष थी। एक दिन जब स्कूल में Parent-Teacher meeting हुई तो किसी कारण उसकी मम्मी स्कूल न आ पाईं। नेहा को मन ही मन मम्मी पर गुस्सा आ रहा था। आखिर स्कूल में छुट्टी हुई तो नेहा सीधी घर आई। जब वह कमरे में आई तो देखा कि उसकौ मम्मी बिस्तर पर पड़ी हैं और …
Read More »अनोखी होली: होली के त्यौहार पर आधारित हिंदी बाल-कहानी
होली का दिन था। अमन सुबह-सुबह अपनी साइकिल पर एक गली से गुजर रहा था। तभी किसी ने ऊपर से उस पर पानी फैंक दिया। अमन एकदम घबरा गया। उसने ऊपर देखा तो शरारती जग्गी खुशी से चिल्ला रहा था, “होली है“। अमन चुप रहा। वह ठिठुरता हुआ घर लौटा। दोबारा कपड़े पहन कर दूसरी गली से निकल गया। वास्तव …
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