झंडा है भारत की शान, झंडा है वीरों की आन। इसको हैं हम शीश झुकाते, जन-गण-मन का गीत हैं गाते।
Read More »बादल – नेक राम अहिलवर
काले-काले उमड़कर बादल, लाए पानी भरकर बादल। बादलों ने जब डाला डेरा, छाया आकाश में घोर अंधेरा। दूर से आया चलकर बादल, लाया पानी भरकर बादल॥ बच्चा बूढा नहीं कोई उदास, बुझेगी तपती धरती की प्यास। नहीं भागेगा डर के बादल, लाया पानी भरकर बादल॥ धरा से लेकर पर्वत की चोटी, गिरी उन पर बूंदे मोटी-मोटी। बरसेगा आज जमकर बादल, …
Read More »गणतंत्र दिवस मनाएंगे – विकास कौशिक
छब्बीस जनवरी को मिलकर गणतंत्र दिवस मनाएंगे। शुभ दिन के स्वागत में सारा हिन्दुस्तान सजाऐंगे॥ सुनो – सुनो ऐ दुनिया वालों भारत एलान कराएगा। सदा हमारी दिल्ली में झंडा अपना लहराएगा॥ राष्ट्र पताका फहराकर हम राष्ट्रीयगान सुनाएंगे। शुभ दिन के स्वागत में सारा हिन्दुस्तान सजाएंगे॥ विजयी विश्व तिरंगे को फिर नमन करेंगे सारे। भारत माता की जय के नभ में …
Read More »मां वाराही देवी मंदिर, मुकुन्दपुर, गोण्डा जिला, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के देवीपाटन मण्डल में गोण्डा जिले की कर्नलगंज क्षेत्र के मुकुन्दपुर गांव में बने ऐतिहासिक मन्दिर में मां वाराही देवी के मंदिर में चल रहे नवरात्र मेले में प्रतीकात्मक नेत्र चढ़ाने के लिए दूर दराज से आए श्रद्धालुओं की दर्शनार्थ भीड़ जुटी है। यहां दर्शन कर भक्तजन मां वाराही की कृपा पाते हैं। वाराह पुराण के मतानुसार जब …
Read More »दो भाई
चुन्नू मुन्नू थे दो भाई, रसगुल्ले पर हुई लड़ाई। चुन्नू बोला, मैं लूंगा, मुन्नू बोला, कभी न दूंगा। झगड़ा सुनकर मम्मी आई, प्यार से एक बात बताई। आधा ले तू चुन्नू बेटा, आधा ले तू मुन्नू बेटा। ऐसा झगड़ा कभी न करना, दोनों मिलकर प्रेम से रहना।
Read More »गुड़िया – महजबीं
मेरी गुड़िया बहुत प्यारी नाम उसका राजकुमारी। पहले थी मैं कितनी अकेली अब यह है मेरी सहेली। करती है मुझसे बातें दिन भर भी हम साथ बिताते। काटते हैं अब दिन कितने अच्छे नहीं थे पहले उतने अच्छे। ∼ महजबीं
Read More »दो चूहे
दो चूहे थे, मोटे-मोटे थे, छोटे-छोटे थे। नाच रहे थे, खेल रहे थे, कूद रहे थे। बिल्ली ने कहा, म्याऊँ (मैं आऊँ)। ना मौसी ना, हमें मार डालोगी। फिर खा जाओगी, हम तो नहीं आएँगे। हम तो भाग जाएँगे।
Read More »ध्यान रखेंगे – दिविक रमेश
मेरी बिल्ली आंछी-आंछी, अरे हो गया उसे जुकाम। जा चूहे ललचा मत जी को, करने दो उसको आराम। दूध नहीं अब चाय चलेगी, थोड़ा हलुवा और दवाई। लग ना जाए आंछी हमको, ध्यान रखेंगे अपना भाई। ∼ डॉ. दिविक रमेश
Read More »हाथी बोला – दिविक रमेश
सूँड उठा कर हाथी बोला बोला क्या तन उसका डोला बोला तो मन मेरा बोला देखो देखो अरे हिंडोला “आओ बच्चो मिलजुल आओ आओ बैठो तुम्हें डुलाऊँ मस्त मस्त चल, मस्त मस्त चल झूम झूम कर तुम्हें घुमाऊँ घूम घूम कर, झूम झूम कर ले जाऊँगा नदी किनारे सूँड भरूँगा पानी से मैं छोडूँगा तुम पर फव्वारे।” ∼ डॉ. दिविक रमेश
Read More »हाथी राजा बहुत भले
हाथी राजा बहुत भले। सूंड हिलाते कहाँ चले ? कान हिलाते कहाँ चले ? मेरे घर भी आओ ना, हलवा पूरी खाओ ना। आओ बैठो कुर्सी पर, कुर्सी बोले चटर मटर।
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