मेरे पापा मेरे अपने: सवा चार साल की मेरी धेवती, सुरभि 19 अप्रैल 22, को अपने पिता के मृत शरीर को देख रही थी और अनेकानेक सगे संबंधियों का रुदन देख रही थी और गंभीरता पूर्वक जो दुखद घटना घटी, उन सब की बातें सुन रहीं थी। उसके अत्यंत कोमल पूछताछ का ताना बाना है, यह शोकगीत। सुरभि का कहना …
Read More »नया सूरज लायेंगे: कोरोना व ठंड से घर में बंद बचपन
कोरोना व ठंड में दबा बचपन: कोरोना कॉल में घर पर रह कर बच्चे चिड़-चिडे़ हो गए हैं। 6 से 12 साल के बच्चों पर ज्यादा असर देखने को मिल रहा है। बच्चों में भी डिप्रेशन के लक्षण दिख रहे हैं। खेलकूद बंद होने से बच्चों की दिनचर्या बदली है। बच्चों के बर्ताव में बदलाव दिख रहा है। स्कूल न …
Read More »बहक गए टेसू – क्षेत्रपाल शर्मा
बहक गए टेसू निरे, फैले चहुँ, छतनार मौसम पाती लिख रहा, ठगिनी बहे बयार अष्ट सिद्धि नौ निधि भरा, देत थके को छाँव नंद गाँव भी धन्य है, धन्य आप का गाँव पीले फूलों से सजी, सरसों की सौगात कहती ज्यों सौगंध से, छुओ न हमरे गात भीग गए ये कंठ पर, पलक न भीजें आज नैन झुके, झुकते गए, …
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