ईदगाह: प्रेमचंद की लोकप्रिय कहानी – मुंशी प्रेमचंद (अंग्रेज़ी: Munshi Premchand, जन्म: 31 जुलाई, 1880 – मृत्यु: 8 अक्टूबर, 1936) भारत के उपन्यास सम्राट माने जाते हैं जिनके युग का विस्तार सन् 1880 से 1936 तक है। यह कालखण्ड भारत के इतिहास में बहुत महत्त्व का है। इस युग में भारत का स्वतंत्रता-संग्राम नई मंज़िलों से गुज़रा। प्रेमचंद का वास्तविक …
Read More »Festival of Eid: Premchand Story For Kids
Festival of Eid – Idgaah story in English: Premchand [1] A full thirty days after Ramadan comes Eid. How wonderful and beautiful is the morning of Eid! The trees look greener, the fields more festive, the sky has a ‘lovely pink glow. Look at the sun! It comes up brighter and more dazzling than before to wish the world a …
Read More »देवी: उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की लघुकथा (प्रेमचंद की सबसे छोटी कहानी)
देवी: उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की लघुकथा – रात भीग चुकी थी। मैं बरामदे में खड़ा था। सामने अमीनुद्दौला पार्क नींद में डूबा खड़ा था। सिर्फ एक औरत एक तकियादार बेंच पर बैठी हुई थी। पार्क के बाहर सड़क के किनारे एक फ़कीर खड़ा राहगीरों को दुआयें दे रहा था – खुदा और रसूल का वास्ता… राम और भगवान का …
Read More »पूस की रात: कथा सम्राट प्रेमचंद की लोकप्रिय कहानी
पूस की रात: कथा सम्राट प्रेमचंद की लोकप्रिय कहानी – कथा सम्राट प्रेमचंद (31 जुलाई 1880 लमही, उत्तर प्रदेश, भारत – 8 अक्टूबर 1936 वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत) ने हिन्दी के खजाने में कई अनमोल रत्न जोड़े हैं। महज आठ साल की उम्र में प्रेमचंद की मां का स्वर्गवास होने और पिता द्वारा दूसरी शादी करने के चलते उनके बाल …
Read More »दो बैलों की कथा: मुंशी प्रेमचंद की लोकप्रिय हिंदी कहानी
कथाकार मुंशी प्रेमचंद भारत के ही नहीं, दुनियाभर में विख्यात हुए और ‘कथा सम्राट‘ कहलाए। प्रेमचंद की जयंती 31 जुलाई को बड़े ही उत्साह से मनाई जाती है। इस खास मौके पर उनकी कहानी ‘दो बैलों की कथा‘ पढ़कर अपनी यादें ताजा कर लीजिए… दो बैलों की कथा [1]: हीरा और मोती जानवरों में गधा सबसे ज्यादा बुद्धिमान समझा जाता …
Read More »बड़े घर की बेटी: ग्रामीण घर गृहस्थी पर मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी
बड़े घर की बेटी मुंशी प्रेमचंद जी द्वारा लिखित प्रसिद्ध कहानी है। इस कहानी में उन्होंने संयुक्त परिवार में उत्पन्न होने वाली समस्याओं, कलहों, बात का बतंगड़ बन जाने और फिर आपसी समझदारी से बिगड़ती परिस्थिति को सामान्य करने का हुनर को दर्शाया है। बड़े घर की बेटी में कहानीकार ने पारिवारिक मनोविज्ञान को बड़ी ही सूक्ष्मता से बेनीमाधव सिंह, …
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