इस मिट्टी से बैर करो मत, ये मिट्टी ही सोना है। इसी में हंसना इसी में गाना, इसी में यारों रोना है। इस मिट्टी में जन्म लिये हो, इसी मिट्टी में रहना है। इसी में खा के इसी में जा के, इसी में वापस आना है। इससे प्रेम करोगे प्यारे, नाम अमर हो जाना है। इसी में सपना इसी में …
Read More »केजरीवाल चालीसा – शम्भू नाथ
दोहा: सच्चाई की अलख जगाई जनता दे दिया साथ॥ विजय पताका हासिल कर ली खा गए सारे मात॥ चौपाई: जय केजरी कुंवर बलवंता। मनीष कुमार और भगवंता॥ सच की टोपी सर पर सोहे। मृदु वचन से जनता मोहे॥ पूर्ण वादे को करने वाले। लोगों का दुःख रहने वाले॥ भ्रष्टाचार को करो उजागर। अत्याचारी की फोड़ो गागर॥ नीति विरोध काम नहीं …
Read More »क्यों करते हो झगड़े – शम्भू नाथ
क्यों करते हो झगड़े, क्यों पालते हो लफ़ड़े आपस में प्रेम करो, बैर विरोध मिटाओ। सब छोड़ यहीं जाना है, कुछ साथ नहीं जायेगा अच्छाई और बुराई का लेख, यहीं रह जायेगा रह-रह कर प्यारे, तू भी पछतायेगा। ये पानी की बूंदें हैं, सागर का किनारा है यहाँ सबको आना है, सबको जाना है जब जाना है अकेला तो, क्यों करते हो झमेला सब कुछ …
Read More »तारे – शम्भू नाथ
लगते तारे कितने प्यारे, आसमान के हैं रखवाले, आसमान में टीप–टिप करते, बच्चे इनके हैं मतवाले, प्यारे–प्यारे ये चमकीले, सब को मन के भाने वाले, शाम जब होने को आती, लाल रंग के ये हो जाते, सारी रात बच्चों की भाँती, इधर उधर को सैर लगाते, सारी रात बातें कर–करके, सुबह होते ही घर को जाते, दिन को सोते लूप–छुप …
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